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कला-संस्कृति

स्मृति: जल रही शिलूका कोई

स्मृति: जल रही शिलूका कोई

वह जितनी डोगरी की लेखिका थीं, उतनी ही हिंदी की भी थीं। अलबत्ता, हिंदी वाले उन्हें अपनी ही भाषा की लेखिका...
शहरनामा/ इलाहाबाद: कपड़ाफाड़ होली की परंपरा से लेकर ‘भौकालियों का शहर, यहां माटी और हवा का ऐसा है असर

शहरनामा/ इलाहाबाद: कपड़ाफाड़ होली की परंपरा से लेकर ‘भौकालियों का शहर, यहां माटी और हवा का ऐसा है असर

“इलाहाबाद की माटी और हवा का असर है कि यहां के बालक तक डरते नहीं, बल्कि अक्सर घुस के तमाशा देखने में...