Advertisement

कला-संस्कृति

कोशिश करने वालों की सच में हार नहीं होती

कोशिश करने वालों की सच में हार नहीं होती

'कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती' एक सशक्त रचना है। इस रचना को हरिवंश राय बच्चन की रचना के रूप में प्रचारित किया जाता रहा है। इस रचना के बारे में काफी समय से मतभेद है कि यह रचना हरिवंशराय बच्चन की है या निराला की। हमने निराला और बच्चन की रचनावली के सभी खंड खंगाले लेकिन यह रचना कहीं नहीं मिली।
कुछ पढ़ लो तो भला होगा : अखिलेश

कुछ पढ़ लो तो भला होगा : अखिलेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी सिद्धांत तमाम समस्याओं का हल है। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को कहा कि वे यदि अपने नेताओं की संघर्ष गाथाएं ही पढ़ लें तो बहुत कुछ हो सकता है।
हुस्न तब्बसुम ‘निहां’ की कहानी - निर्मम अंधेरे

हुस्न तब्बसुम ‘निहां’ की कहानी - निर्मम अंधेरे

यह ऐसी नासमझी भरी दास्तां है, जो एक लड़की को कैसे अपने प्रेमी से बिछोह देती है और लोगों के बीच हंसी का पात्र बना देती है। यह एक लड़की के भोलेपन की कहानी है, जो दुनियादारी को नहीं समझती और अपने जीवन को लगभग खराब करने की स्थिति तक पहुंचा देती है। उसकी पढ़ाई छूट जाती है सो अलग। इस कहानी में लेखिका ने एक लड़की के जीवन की कई परतों पर एक साथ काम किया है।
हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

संघर्ष का नाम जनकवि रमाशंकर 'विद्रोही' नहीं रहे। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पिछले दो दशकों में आने वाले हजारों छात्र उनकी कविता सुनकर संघर्ष करना सीखे होंगे। 'आसमान में धान बोने वाला' ये निर्भीक कवि संघर्ष करते हुए ही मरा। सोशल मीडिया पर विद्रोही की कविताओं का उत्सव सा जारी है। आंदोलनों में उनकी कविताएं गूंजती रहती हैं लेकिन उनकी चर्चित कविताओं में ‘जब भी किसी गरीब आदमी का अपमान करती है, ये तुम्हारी दुनिया, तो मेरा जी करता है, कि मैं इस दुनिया को उठाकर पटक दूं।’, ‘मैं भी मरूंगा और भारत के भाग्य विधाता भी मरेंगे लेकिन मैं चाहता हूं कि पहले जन-गण-मन अधिनायक मरें, फिर भारत भाग्य विधाता मरें ’, ‘आज तो चाहे कोई विक्टोरिया छाप काजल लगाए या साध्वी ऋतंभरा छाप अंजन लेकिन असली गाय के घी का सुरमा, तो नूर मियां ही बनाते थे...’ , ‘मैं किसान हूं आसमान में धान बो रहा हूं, कुछ लोग कह रहे हैं कि पगले, आसमान में धान नहीं जमा करता, मैं कहता हूं पगले, अगर जमीन पर भगवान जम सकता है तो आसमान में धान भी जम सकता है।..’ सोशल मीडिया पर इस जनकवि को श्रद्धांजलि देने वालों का सैलाब है-
अनुष्का शंकर की झोली में गिरेगा ग्रैमी

अनुष्का शंकर की झोली में गिरेगा ग्रैमी

यह लगातार पांचवीं बार है कि सितार वादक अनुष्का शंकर को ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है। इस बार यह नामांकन उनके एलबम होम को मिला है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार वह विजेता होंगी। उनके साथ एक और भारतीय मूल निर्देशक आसिफ कपाड़िया भारतीय मूल को भी उनके वृत्तचित्र एमी के के लिए इस सूची में शामिल किया गया है।
भारत की जीवंतता रंगमंच के लिए प्रेरणा

भारत की जीवंतता रंगमंच के लिए प्रेरणा

रंगमंच में नए नए प्रयोग करने के लिए जानी जाने वाली निर्देशक एरियन मनोउचकिने का मानना है कि भारत की प्रत्येक सड़क और गली में इसके जीवन की जीवंतता दिखाई देती है जो रंगमंच के लिए प्रेरणा है।
स्त्री की मार्मिक दशा बयान करती कहानी - निकाह

स्त्री की मार्मिक दशा बयान करती कहानी - निकाह

लंबे समय से लेखन। लघु कथाओं पर विशेष काम। लघुकथा पर पहली पुस्तक, दिन अपने लिए सन 2014 में अयन प्रकाशन से प्रकाशित। इस पुस्तक के लिए दिल्ली हिंदी अकादमी से अनुदान प्राप्त। सात लघु कथा लेखकों के सम्मिलित कथा संग्रह खिड़कियों पर टंगे लोग पुस्तक में लघु कहानियां प्रकाशित।
एक जिद, एक आयोजन

एक जिद, एक आयोजन

यदि फिल्मों का खुमार है तो रंगमंच की दीवानगी भी कुछ कम नहीं है। कुछ तो खास है मंच के इन किरदारों में कि दर्शक बेसब्री से चले आते हैं और इंतजार करते हैं, यवनिका के उठने का।
तस्वीरों में जर्मनी

तस्वीरों में जर्मनी

राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय दिल्ली में जर्मनी की फोटाग्राफर सिब्येल बर्गमन के फैशन रिपोर्ताज, शहरी एवं ग्रामीण परिदृश्य की तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाई गई है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement