देवदासी नृत्य का दक्षिण भारतीय शास्त्रीय नृत्य से नाभि-नाल का रिश्ता रहा है। इसकी गरिमामई वापसी के लिए चल रहे प्रयासों की कड़ी में ही यशोधा राव ठाकुर की प्रस्तुतियों को देखा जा सकता है।
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार भालचंद्र नेमाडे ने एक बार फिर कहा कि सलमान रश्दी और वीएस नायपॉल के लेखन में साहित्यिक मर्म एवं मूल्यों का अभाव है और उन्होंने पश्चिम को खुश करने के लिए ऐसी कृतियां रचीं।
चलते हुए उन्होंने कुर्सी को बड़े नेह से देखा जैसे कह रहे हों, '40 साल तक तूने मुझे बहुत संभाला। अब मैं मुक्त करता हूं तुझे अपनी कामनाओं से।’ एक घंटे बाद जब वह दोबारा कॉलेज पहुंचे तो इस बार कॉलेज गुलजार था।
आजकल फैशन हो गया है कि किसी विमर्श पर ध्यान लगाया जाए तो ही साहित्य 'बिकाऊ’ हो सकता है। लमही का नया अंक स्त्री विमर्श से ज्यादा उन्हें समझने और उनकी भावनाओं को सामने लाने का अंक है।
साहित्य अकादेमी के पुरस्कार समारोह के साथ तीन दिन का साहित्योत्व शुरू हो गया है। देश-विदेश से लेखक और साहित्य में रूचि रखने वाले इस उत्सव में जमा हुए हैं। यह उत्सव हर साल आयोजित होता है, जिसका इंतजार सभी को रहता है।
मैं चाहता था कि सब कुछ ऐसा ही रहा आए। वह जानती थी कि कुछ भी ऐसा नहीं रहेगा। वह गीले कैनवास पर अधसूखे रंगों को धीरे से छूती, …कहती, ‘कितने अच्छे हैं, …पर धुंधला जाएंगे।’ मैं आंखें बंद कर कहता, ‘मैं और बना दूंगा, इनसे भी अच्छे, और चटक, और गहरे।’
नए बजट में कला संस्थाओं के बजट में कटौती हो गई है। सरकार को लगता है कि कलाकारों को पैसों की कुछ खास जरूरत नहीं होती। वे कला को ही ओढ़-बिछा कर अपना जीवन यापन कर सकते हैं।
रमणिका फाउंडेसन का सम्मान समारोह हाशिए के शब्दों को रेखांकित करने और पूरी शक्ति के साथ उनके समर्थन में खड़े होने के अपने संकल्प की ओर बढ़या गया एक ठोस और सार्थक कदम है
ढींगरा फाउंडेशन-हिंदी चेतना अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मानों की घोषणा कर दी गई है। यह घोषणा वषऱर्ष 2014 के लिए है। इस के अंतर्गत यह पुरस्कार उषा प्रियंवदा (अमेरिका), चित्रा मुद्गल और ज्ञान चतुर्वेदी (भारत) को प्रदान किए जाएंगे।