दिल्ली में चल रहे भारत रंग महोत्सव की शुरुआत इस बार चुनावी सरगर्मियों के बीच हुई। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा आयोजित रंगमंच के इस सबसे बड़े उत्सव को ठंड और कोहरे के प्रकोप से बचाने के लिए इस बार एक महीने आगे सरकाया गया था। लेकिन वक्त की तब्दीली ने इसे दिल्ली चुनाव के ऐन बीच ला पटका।
भारतीय साहित्य में आजकल एक नई धारा चर्चा में है। आदिवासी साहित्य नाम की इस धारा के लेखक दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में जुटे और उन्होंने आदिवासी जीवन से जुड़े मुद्दों को साहित्य में उठाने की वकालत की।
मराठी के जाने माने साहित्यकार भालचंद्र नेमाड़े को 50वां ज्ञानपीठ पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई। नेमाड़े देश का सर्वोच्च साहित्य सम्मान पाने वाले 55वें साहित्यकार हैं। इससे पहले पांच दफा यह पुरस्कार संयुक्त रूप से प्रदान किया गया था।
नेशनल बुक ट्रस्ट नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में जिगर मुरादाबादी और पवित्र भूमि पर पुस्तकों की खुशबुओं से सुवासित करने का सात्विक कार्य ‘पुस्तक मेला’ के रूप में आयोजित किया गया।