बाबा केदार की मूर्ति को रुद्रप्रयाग जिले में स्थित उसके शीतकालीन प्रवास स्थल उखीमठ से सोमवार को फूलों से सजी एक डोली में केदारनाथ मंदिर के लिए रवाना किया गया। केदारनाथ मंदिर के कपाट दो मई को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
सुबह साढ़े 10 बजे भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों और बाबा केदार के जयघोष के बीच डोली इस पंचमुखी उत्सव मूर्ति को लेकर केदारपुरी के लिए निकली। मंदिर के पुजारियों, वेदपाठियों और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने डोली को अपने कंधों पर उठाया।
मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि गुप्तकाशी, फाटा और गौरीकुंड में रात्रि विश्राम के बाद यह डोली एक मई को केदारनाथ पहुंचेगी। केदारनाथ के कपाट दो मई की सुबह सात बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
गौड़ के मुताबिक, केदारनाथ धाम में मंदिर के कपाट खोलने की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर क्षेत्र में पेयजल और बिजली व्यवस्था, भोग मंडी की साफ-सफाई तथा मंदिर समिति कार्यालय, पूजा कार्यालय, दर्शन पंक्ति की सामान्य मरम्मत, पुजारीगणों एवं कर्मचारियों की आवासीय व्यवस्था संबंधित कार्य किए गए हैं।
गौड़ के अनुसार, चार धाम यात्रा शुरू होने के एक महीने बाद तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने के मद्देनजर वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन पर प्रतिबंध रहेगा।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने सभी राज्यों के अपने समकक्षों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि श्रद्धालुओं की असुविधा को देखते हुए यात्रा शुरू होने के एक महीने बाद तक वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन पर रोक लगाई जाए।
गौड़ ने कहा, “पिछले साल चार धाम यात्रा के लिए 48 लाख तीर्थयात्री आए थे। इस साल यह संख्या रिकॉर्ड 60 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है।”
उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं, लेकिन धामों की पवित्रता बनाए रखने के लिए उनसे मंदिर के 30 मीटर के दायरे में रील नहीं बनाने की अपील की गई है।
तीस अप्रैल को अक्षय तृतीया के पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही इस साल की चार धाम यात्रा शुरू हो जाएगी।