कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र की एलआईसी द्वारा अडानी समूह में 5,000 करोड़ रुपये के निवेश पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सार्वजनिक धन का इस्तेमाल निजी संस्थाओं को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
गांधी ने एक्स पर हिंदी में लिखे एक पोस्ट में कहा, "पैसा, पॉलिसी, प्रीमियम आपका; सुरक्षा, सुविधा, लाभ अडानी के लिए!"
भारत की सबसे बड़ी एकीकृत परिवहन उपयोगिता कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) ने पिछले सप्ताह कहा था कि उसने अपने अब तक के सबसे बड़े घरेलू बांड निर्गम के जरिए 5,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि एपीएसईजेड ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) से 15 साल के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) के जरिए यह धन जुटाया है।एनसीडी को प्रतिस्पर्धी 7.75 प्रतिशत प्रतिवर्ष कूपन दर पर जुटाया गया।
बयान में कहा गया है, "एपीएसईज़ेड की मजबूत वित्तीय स्थिति और 'एएए/स्थिर' घरेलू क्रेडिट रेटिंग के कारण, इस इश्यू को 7.75 प्रतिशत प्रति वर्ष की प्रतिस्पर्धी कूपन दर पर बंद कर दिया गया और एलआईसी द्वारा इसे पूरी तरह से सब्सक्राइब किया गया। डिबेंचर बीएसई में सूचीबद्ध किए जाएंगे।"
राहुल गांधी आरोप लगाते रहे हैं कि आम जनता के बीमा प्रीमियम से जुटाई गई एलआईसी की सार्वजनिक निधि को अडानी समूह में निवेश किया गया है। एलआईसी सरकारी स्वामित्व वाली घरेलू वित्तीय संस्था है जो भारतीय शेयर बाजार में निवेश करती है।