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रहन-सहन

ट्रांसजेंडर होना दिमागी विकार नहीं है

ट्रांसजेंडर होना दिमागी विकार नहीं है

ट्रांसजेंडरों को ज्यादातर लोग हिकारत से देखते हैं और कई लोगों का मानना है कि यह दिमागी बीमारी है। इन बातों की लड़ाई लड़ने वाले ट्रांसजेंडरों को एक राहत मिली है। मेक्सिको में एक अध्ययन किया गया और कहा गया कि ट्रांसजेंडर मानसिक विसंगति नहीं है।
4.3 फीसदी चिकित्सा संस्‍थान में 40.3 फीसदी शोध

4.3 फीसदी चिकित्सा संस्‍थान में 40.3 फीसदी शोध

सरकार ने आज लोकसभा में कहा कि भारतीय चिकित्सा संस्थानों में कुल मिलाकर शोध की हालत खराब है और वर्ष 2005 से 2014 के बीच सैकड़ों मेडिकल चिकित्सा संस्थानों ने एक भी शोध पत्र प्रकाशित नहीं किया।
ये बातें मानी तो टाल सकते हैं स्ट्रोक को

ये बातें मानी तो टाल सकते हैं स्ट्रोक को

चलता-फिरता आदमी अचानक गिर जाए और उसके शरीर के किसी खास अंग को लकवा मार जाए या फिर उसकी बोली चली जाए या उसकी याद्दाश्त गुम हो जाए और कई बार मरीज की मौत हो जाए तो ऐसे मामलों में सबसे बड़ी आशंका दिमागी स्ट्रोक का शिकार होने की होती है। इसमें दिमाग के किसी खास हिस्से में खून के थक्के बन जाते हैं और उसके कारण उस खास हिस्से से संचालित होने वाले शरीर के अंग अचानक काम करना बंद कर देते हैं।
मां और शिशु के लिए समर्पित है यह अस्पताल

मां और शिशु के लिए समर्पित है यह अस्पताल

एक ओर जहां देश में बहु विशेषज्ञता वाले महंगे निजी अस्पतालों की बाढ़ आ रही है वहीं किसी खास क्षेत्र को ध्यान में रखकर काम कर रहे अस्पतालों की संख्या तेजी से घटती जा रही है। ऐसे अस्पतालों में अलग-अलग विभाग जोड़कर उन्हें बहु विशेषज्ञता वाले अस्पतालों में बदला जा रहा है। मगर इस स्थिति में पारस समूह ने दिल्ली में एक अस्पताल पूरी तरह मां और शिशु की चिकित्सा को समर्पित कर दिया है।
खादी का नित दिन बढ़ता क्रेज : आईआईटी बाॅम्बे में दीक्षांत समारोह की होगी पोशाक

खादी का नित दिन बढ़ता क्रेज : आईआईटी बाॅम्बे में दीक्षांत समारोह की होगी पोशाक

देश मेंं खादी अब केवल नेताओं की पाेशाक नहींं रही। बल्कि खादी फैशन का ट्रेंड बन गई है। वह पढ़े-लिखे अभिजात्‍य वर्ग के जीवन का हिस्‍सा भी बनते जा रही है।
अब घर बैठे पूरे भारत की बिरयानी और कबाब का स्वाद लें

अब घर बैठे पूरे भारत की बिरयानी और कबाब का स्वाद लें

अब आप घर बैठे देश भर की 50 से अधिक तरह की बिरयानी और कबाब के स्वाद का आनंद ले सकते हैं क्योंकि शहर में स्थित डिजिटल फूड स्टार्टअप, इनरशेफ ने बिरयानी एंड कबाब मार्केटप्लेस नाम की पहल की है।
बच्चों में मोटापे से और बिगड़ती है सेहत

बच्चों में मोटापे से और बिगड़ती है सेहत

मोटापे का बच्चों की सेहत के साथ ही साथ उनके मनोविज्ञान पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। डॉक्टरों का कहना है कि बचपन का बुढ़ापा एक ऐसी स्थिति हैं जिसमें बच्चों का वजन उनकी उम्र और कद की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ जाता है। भारत में हर साल बच्चों में मोटापे के 10 मिलियन मामले दर्ज होते हैं। इस स्थिति को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन इलाज काफी हद तक मदद कर सकता है।
पता चल गया अच्छे-बुरे स्वभाव का राज

पता चल गया अच्छे-बुरे स्वभाव का राज

किसी व्यक्ति का व्यवहार अच्छा है या बुरा इसे पता लगाने के लिए एक नया गणितिय फार्मूला खोज निकाला गया है। अब जल्द ही पता चल जाएगा कि कुछ लोगों का स्वभाव अनुवांशिक रूप से बहुत अच्छा और बहुत बुरा क्यों होता है।
तनाव में सेंध मारती है कला

तनाव में सेंध मारती है कला

तनाव जिंदगी में धीरे से सेंध मारना शुरू करता है और एक वक्त आता है जब वह दिल-दिमाग पर कब्जा जमा लेता है। तनाव की वजह से शरीर में कई तरह के हार्मोन बनते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचते हैं। एक शोध बताता है कि यदि कुछ कलात्मक किया जाए तो तनाव पैदा करने वाले हार्मोन में कमी आती है, जरूरी नहीं कि कलात्मक करने के लिए आप कलाकार ही हों।
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