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रहन-सहन

टाइप 2 डायबिटीज का सर्जरी से इलाज संभव- डा. पीटर्स

टाइप 2 डायबिटीज का सर्जरी से इलाज संभव- डा. पीटर्स

दिल्ली में रहने वालीं 46 वर्षीय गृहिणी अंशु जैन डायबिटीज की मरीज थीं तथा वे डायपरटेंशन, डायसिलिपिडीमिया, अनिद्रा, खर्राटे आना, असंयमित तनाव, अंगों में समस्या तथा सरसोडिसिस से पीड़ित थीं। उनका वजन 127 किलो ग्राम ;बीएमआई 46 था, जब उन्होंने मोटाबोलिक व बेरिएटिक सर्जरी नवंबर 2012 में कराई। केवल 18 महीनों में उन्होंने 39 किलोग्राम वजन कम किया, उनके शरीर का भार 88 किलोग्राम तक आ गया और बीएमआई 30 पर आ गया। उनकी डायबिटीज की समस्या हल हो गई, साथ ही अन्य सहरुग्ण रोगों में भी कमी आई।
आयुर्वेद का 'उद्योगीकरण’

आयुर्वेद का 'उद्योगीकरण’

अनछुए वैश्विक कारोबार पर भारतीय आयुर्वेदिक एवं फार्मा कंपनियों के साथ ही विदेशी उद्योग समूहों की भी नजर
एक महीने पहले ही गोवा की गुलजारी खत्म

एक महीने पहले ही गोवा की गुलजारी खत्म

पर्यटन विभाग की ओर से बड़ी संख्या में विदेशी सैलानियों के आगमन के दावे किए जाने के बावजूद विदेशी सैलानी गोवा के समुद्र तटों पर नजर नहीं आ रहे हैं। गोवा में टूरिस्ट सीजन इस बार जल्दी खत्म हो गया है। हर साल मई तक यहां टूरिस्ट आते थे, लेकिन इस बार अप्रैल में ही भीड़ सिमट गई है।
जीवन का विज्ञान आयुर्वेद

जीवन का विज्ञान आयुर्वेद

आयुर्वेद का अर्थ है, जीवन का विज्ञान। आयुष वेद से मिल कर बने इस शब्द में आयुष का मतलब है जीव और वेद का मतलब है विज्ञान। आयुर्वेद के सिद्धांत को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली के खेड़ा डाबर, नजफगढ़ में चौधरी ब्रह्मप्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान की नींव रखी गई है। यह संस्थान आयुर्वेद की उस धारणा को तोड़ता है जिसमें समझा जाता है कि आयुर्वेद मात्र कुछ जड़ी-बूटियों के सहारे चलता है। यहां पूरे भारत से उच्च शिक्षा प्राप्त अध्यापक हैं और वैज्ञानिक तरीके से मरीजों का इलाज किया जाता है। यहां अन्य विभागों के साथ लीच यानी जोंक चिकित्सा पद्धति, पंचकर्म, क्षार सूत्र विधि विशेष तौर पर लोकप्रिय हैं। पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अरुण गुप्ता कहते हैं, 'आम आदमी के लिए पंचकर्म सिर्फ मसाज है। ज्यादातर स्पा केंद्रों ने पंचकर्म की एक प्रक्रिया शिरोधारा के फोटो को इतना प्रमोट किया है कि आम जन में यह धारणा हो गई है कि शिरोधारा ही पंचकर्म है।’ प्रो. गुप्ता कहते हैं, 'सरकार को इस चिकित्सा पद्धति के मानक तय करने चाहिए। यानी यदि कोई केंद्र पंचकर्म शब्द का इस्तेमाल कर रहा है तो उसके पास अनिवार्य रूप से क्या सुविधाएं होनी चाहिए। जैसे मधुमेह के रोगियों को तेल की मालिश पंचकर्म में वर्जित है।’ प्रोफेसर गुप्ता बस्ती नेत्र यानी एनीमा देने के उपकरण पर भी सवाल उठाते हैं। वह बताते हैं कि इस अस्पताल में हर चीज मानक रूप से तय की गई है। लंबे मीनारनुमा इस उपकरण के आगे के छेद की गोलाई मटर के दाने बराबर और पीछे का छेद की गोलाई अंगूठे की मोटाई के बराबर होनी चाहिए। यह अस्पताल का सबसे ज्यादा व्यस्त रहने वाला विभाग है, जिसमें सौ से ज्यादा मरीज हमेशा मौजूद रहते हैं।
मथुरा में खराब कुल्फी खाने से तकरीबन 50 बच्चे बीमार

मथुरा में खराब कुल्फी खाने से तकरीबन 50 बच्चे बीमार

उत्तर प्रदेश के मथुरा में रविवार को फेरी वाले की कुल्फी खाकर तकरीबन 50 बच्चे बीमार पड़ गए और उल्टी व दस्त की शिकायत होने पर पास के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया।
आधुनिक तकनीकों से उपचार ने मिर्गी से जुड़ी बाधाओं को तोड़ा

आधुनिक तकनीकों से उपचार ने मिर्गी से जुड़ी बाधाओं को तोड़ा

नई दवाइयों के विकास, मेडिकल आधुनिक तकनीकों के उपलब्धता और मिर्गी से जुडी स्थिति के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूकता रोगियों को सामान्य जिंदगी बिताने में काफी मदद कर रही है। मिर्गी दूसरा सबसे आम मस्तिष्क विकार है। भारत में प्रतिवर्ष 5 लाख नवजात शिशु मिर्गी की बीमारी के साथ जन्म ले रहे है। पिछले दशक में सिर की चोट लगने के कारण 20 फीसदी व्यस्कों में मिर्गी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। भारत में तकरीबन 95 फीसदी लोग मिर्गी का इलाज ही नहीं करवा पाते जबकि 60 प्रतिशत शहरी लोग दौरा पड़ने के बाद डाॅक्टर से परामर्श लेते है और इस मामले में ग्रामीण भारतीय का प्रतिशत सिर्फ 10 फीसदी है।
अब खूबसूरती को न होने दे उम्रदराज

अब खूबसूरती को न होने दे उम्रदराज

ताउम्र ‘खूबसूरत‘ बने रहने की चाहत भला किस महिला को नहीं होती और यह खूबसूरती लोगों को इतनी भाती है कि इस सुंदरता पर न जाने कितने शायरों व कवियों ने किताबें लिख डाली है। भले ही कोई कितना भी खूबसूरत क्यों न हो, समय के साथ खूबसूरती भी ढ़लती है। जब भी शीशे में शरीर पर उम्र ढ़लने के लक्षण नज़र आने लगते है तो चेहरे पर एक अजीब सी चिंता उभर आती है। सभी खूबसूरत, खुशहाल, सम्मानित और बेहद संजीदातरी केसे अपनी जिंदगी जीना चाहते है।
भारतीयों की विकसित तकनीक से कैंसर का प्रभावी इलाज संभव

भारतीयों की विकसित तकनीक से कैंसर का प्रभावी इलाज संभव

प्रतिष्ठित मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से जुड़े भारतीय वैज्ञानिकों के एक दल ने एक नैनो-तकनीक विकसित कर कैंसर के उपचार में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह नैनो-तकनीक उपचार के कुछ ही घंटे के भीतर कैंसर थैरेपी के प्रभाव का निरीक्षण कर सकती है।
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