साल दर साल लोग लू से मर रहे हैं, शीतलहरी का शिकार हो रहे हैं, बाढ़ और सूखे से त्रस्त हो रहे हैं। फिर भी हमारी प्राथमिकताएं नहीं बदल रही हैं। विकास इस कीमत पर नहीं किया जा सकता कि वह प्राकृतिक असंतुलन पैदा कर दे
वर्जनाएं तोड़ने की ललक, नई-नई जिज्ञासाएं और दमित इच्छाओं की पूर्ति का सहज साधन उपलब्ध कराने के वादे के साथ डेटिंग ऐप का बाजार अब कस्बों और दूर-दराज के इलाकों तक फैला