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'ऑपरेशन सिंदूर' के प्रतिनिधि मंडल से ममता बनर्जी ने बनाई दूरी, टीएमसी से कोई सांसद नहीं होगा शामिल!

तृणमूल कांग्रेस पार्टी का कोई भी सांसद या नेता भारत सरकार द्वारा 30 से अधिक देशों में बहुदलीय...
'ऑपरेशन सिंदूर' के प्रतिनिधि मंडल से ममता बनर्जी ने बनाई दूरी, टीएमसी से कोई सांसद नहीं होगा शामिल!

तृणमूल कांग्रेस पार्टी का कोई भी सांसद या नेता भारत सरकार द्वारा 30 से अधिक देशों में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की पहल में शामिल नहीं होगा। पहले खबर आई थी कि बहरामपुर से टीएमसी सांसद यूसुफ पठान प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हो सकते हैं।

एक-एक सांसद के नेतृत्व में सात समूहों वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन वैश्विक गलत सूचनाओं का मुकाबला करने तथा आतंकवाद के प्रति भारत की शून्य सहनशीलता की नीति को उजागर करने के लिए किया गया है।

सूत्रों के अनुसार, न तो पठान और न ही कोई अन्य टीएमसी सांसद पाकिस्तान के सीमापार आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाने के लिए विभिन्न देशों का दौरा करने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे।

टीएमसी सूत्रों ने पीटीआई से कहा, "हमारा मानना है कि राष्ट्र सबसे ऊपर है और हमने अपने महान देश की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक कार्रवाई की है, उसके लिए केंद्र सरकार को अपना समर्थन देने का वचन दिया है। हमारे सशस्त्र बलों ने हमारे देश को गौरवान्वित किया है और हम उनके प्रति सदैव ऋणी हैं। विदेश नीति पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। इसलिए, केवल केंद्र सरकार ही हमारी विदेश नीति तय करे और इसकी पूरी जिम्मेदारी ले।"

वैश्विक गलत सूचनाओं का मुकाबला करने तथा आतंकवाद के प्रति भारत की शून्य सहनशीलता की नीति को उजागर करने के प्रयास के तहत, सरकार ने 30 से अधिक साझेदार देशों में भारतीय सांसदों के सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं।

यह मिशन "एक मिशन, एक संदेश, एक भारत" की थीम के तहत कार्य करता है, जिसका एकीकृत लक्ष्य ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर आतंकवाद के प्रति भारत की प्रतिक्रिया को प्रस्तुत करना है।

यह वैश्विक अभियान 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया है जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। इसके जवाब में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।

जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े 100 से ज़्यादा आतंकवादियों को मार गिराया गया। भारत ने समन्वित हवाई हमले भी किए, जिसमें 11 पाकिस्तानी एयरबेसों पर सैन्य ढांचे को नुकसान पहुँचा।

सात प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली, डेनमार्क, इंडोनेशिया, मलेशिया, कोरिया, जापान, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, लाइबेरिया, कांगो, सिएरा लियोन, अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील, कोलंबिया, स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया, रूस, मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेंगे। 

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