जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही देशवासियों में गुस्सा है। सोशल मीडिया पर लोग मोदी सरकार से कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की अपील कर रहे हैं। इस बीच, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद जताई और कहा कि आतंकवादियों ने पहलगाम में लोगों से उनका धर्म पूछकर उनकी हत्या कर दी, लेकिन हिंदू ऐसा कभी नहीं करेंगे।
उन्होंने गुरुवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा, "हमें कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद है।"
यह बात जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादी हमले में 26 लोगों (जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे) की मौत के तीन दिन बाद कही गई।
आरएसएस प्रमुख ने कहा, "लोगों से उनका धर्म पूछा गया और उन्हें मार दिया गया। हिंदू ऐसा कभी नहीं करेंगे। युद्ध धर्म और अधर्म के बीच है। हमारे दिल में दर्द है। हम गुस्से में हैं। लेकिन बुराई को नष्ट करने के लिए ताकत दिखानी होगी। रावण ने अपना मन बदलने से इनकार कर दिया और कोई दूसरा विकल्प नहीं था। राम ने उसे सुधारने का मौका देने के बाद ही मारा।"
आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा कि ऐसी त्रासदियों को रोकने और दुर्भावनापूर्ण इरादे को रोकने के लिए समाज में एकता आवश्यक है।
उन्होंने कहा, "अगर हम एकजुट हैं, तो कोई भी हमारी ओर बुरी नीयत से देखने की हिम्मत नहीं करेगा। और अगर कोई ऐसा करेगा, तो उसकी आंख फोड़ दी जाएगी। हमें कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद है।"
उन्होंने कहा, "घृणा और शत्रुता हमारे स्वभाव में नहीं है। लेकिन चुपचाप नुकसान सहना भी हमारा स्वभाव नहीं है। एक सच्चे अहिंसक व्यक्ति को मजबूत भी होना चाहिए। अगर ताकत नहीं है, तो कोई विकल्प नहीं है। लेकिन जब ताकत होती है, तो जरूरत पड़ने पर वह दिखाई देनी चाहिए।"