सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी द्वारा द्वारा राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। दरअसल, राजस्थान में जारी सियासी उठापटक को देखते हुए कांग्रेस के बागी विधायकों को स्पीकर सीपी जोशी ने अयोग्यता करार देने को लेकर नोटिस जारी किया था, जिसको लेकर सचिन पायलट खेमे ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने बागी विधायकों को राहत देते हुए स्पीकर के फैसले पर 24 जुलाई तक रोक लगा दिया था। कोर्ट ने कहा था कि स्पीकर 24 जुलाई तक कोई फैसला नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
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बुधवार को याचिका दायर करते हुए सीपी जोशी ने कहा था कि विधानसभा और न्यायपालिका दोनों संवैधानिक अथॉरिटी में टकराव न हो, इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा था कि संविधान ने सबके काम और अधिकार तय किए हैं। स्पीकर होने के नाते मैंने 19 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। केवल नोटिस जारी किया, कोई फैसला नहीं दिया। यदि अथॉरिटी कारण बताओ नोटिस जारी नहीं करेगी तो उसका काम क्या होगा।
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राजस्थान में बीते दो सप्ताह से राजनीतिक गतिविधियां चरम पर है। कांग्रेस की अगुवाई वाली गहलोत सरकार और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच ठनी हुई है। सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने बागी रूख अख्तियार कर लिया था, जिसके बाद पार्टी ने सचिन पायलट समेत दो और मंत्री को पद से बर्खास्त कर दिया था। साथ ही सीएम गहलोत ने बीते सप्ताह गुरुवार को एक ऑडियो रिकॉर्डिंग क्लिप जारी किया था, जिसमें तीन लोगों के बीच विधायकों के कथित खरीद-फरोख्त की बात सामने आई थी। सीएम गहलोत सचिन पायलट पर सीधे-सीधे इसमें शामिल होने और राज्य में सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया था। इसके बाद पायलट ने कानूनी नोटिस भेजा है।