नोएडा विकास प्राधिकरण के निलंबित इंजीनियर यादव सिंह के मामले में सीबीआई को जो दस्तावेज मिले हैं उनमें समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं का नाम शामिल है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक जांच का जो दायरा है वह 2002 से लेकर 2014 तक के बीच तय किया गया है। इस दौरान प्रदेश में भाजपा, सपा और बसपा की सरकारें रही है। सूत्रों के मुताबिक इन सभी दलों के बड़े नेताओं से यादव सिंह का संबंध रहा जिसकी वजह से वह गलत कामों को अंजाम देता रहा।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविन्द पनगढ़िया ने विश्वास जताया है कि विकास आधारित नीतियों पर आगे बढ़ते रहने से भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 15 साल या उससे भी कम समय में 8,000 अरब अमेरिकी डालर तक पहुंच सकती है और यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन दावों की पोल खोली है जिसमें उन्होने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात के विकास मॉडल को सर्वेश्रेष्ठ बताया था। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने एक सरकारी सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि स्वास्थ्य के मामले में किस तरह से गुजरात पिछड़ा हुआ है इसकी चर्चा कभी नहीं हुई। रमेश ने कहा कि मोदी मॉडल के जिस गुजरात को लेकर पूरी दुनिया में ढिढोंरा पीटा गया उसका असली सच क्या है।
व्यापमं को घोटाला कहा जाए या डेथ-ट्रैप यानी मौत का जाल या फिर मौत का बरमूडा त्रिकोण...। एक बात साफ है कि इसके पास जाने वाले या इसमें शामिल लोगों की मौतों का आंकड़ा जिस तेजी से बढ़ा, उसने इसे भारत के सबसे रहस्यमय खौफनाक घोटाले में तब्दील कर दिया। ऐसा रहस्य जो बड़ी-बड़ी आपराधिक गाथाओं को मात देने को आतुर हो।
इसी महीने जारी सामाजिक-आर्थिक-जाति जनगणना (एसईसीसी) के आंकड़े देखकर हम दिल्ली में समुंदर खोजने लग गए। इन आंकड़ों के नुसार दिल्ली में मछली पकड़ने की मशीनी नौकाएं 14,468 परिवारों के पास हैं-बड़े समुद्र तटीय क्षेत्र वाले तमिलनाडु के 13,760 परिवारों के पास ऐसी नौकाओं से कहीं ज्यादा। और तमिलनाडु के बड़े तटीय भूभाग को पखारता विशाल समुंदर और उसमें दूर-दूर तक डूबती-उतराती, मछली मारने के लिए जाल फैलाती अनगिनत मशीनी और मानव चालित नौकाएं हमने आंखों देखी हैं।
मध्य प्रदेश के कुख्यात व्यावसायिक परीक्षा मंडल मामले की जांच करने मेघनगर (झाबुआ) गए दिवगंत पत्रकार अक्षय सिंह के परिवार वालों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मदद ठुकरा दी है। मुख्यमंत्री आज अक्षय के घर गए हुए थे। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार से उनकी मौत के कारणों की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
वैसे भारतीय प्रधानमंत्री की कजाखिस्तान यात्रा प्रोटोकॉल के विरूद्ध है क्योंकि मनमोहन सिंह की 2011 की कजाखिस्तान यात्रा के बाद अब कजाख राष्ट्रपति को भारत दौरे पर आना चाहिए था, लेकिन उम्मीद की जाती है है कि मोदी की कजाखिस्तान यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग के कई मुद्दों को गति प्रदान करने में मददगार साबित होगी।
व्यापमं घोटाले की पड़ताल करने गए इंडिया टुडे समूह के टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की रहस्यमय मौत से मीडिया जगत में शोक और आक्रोश व्याप्त है। रविवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पर हुए अक्षय के अंतिम संस्कार में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई जाने-माने लोग शामिल हुए। लेकिन अभी तक उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। इस बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले की एसआईटी से जांच कराने का भरोसा दिलाया है जबकि भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अक्षय की मौत हार्ट अटैक से होने का दावा कर रहे हैं।