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Search Result : "अजमल आमिर कसाब"

बजरंगी से मिलने को बैचेन पीके

बजरंगी से मिलने को बैचेन पीके

तीनों खान बंधुओं को लेकर चाहे जितनी भी अफवाहें उड़ें लेकिन एक बात तो तय है कि वे तीनों कभी-कभी एक-दूसरे की तारीफ भी कर दिया करते हैं। इस बार आमिर खान ने कहा है कि वह बजरंगी भाईजान देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकते।
कसाब-गांधी के संवाद के बहाने

कसाब-गांधी के संवाद के बहाने

‘कसाब.गांधी@यरवदा.इन’ संग्रह पंकज सुबीर का तीसरा संग्रह है और अपने पूर्व के दो संग्रहों की ही तरह इसमें भी पंकज सुबीर की कहानियों की विषय वैविध्यता दिखाई देती है। कई कई विषयों को समेटे हुए दस कहानियां हैं। इनमें विषयों में सांप्रदायिकता है, आतंकवाद है, बचपन की फैंटेसी है, मध्यमवर्गीय जीवन है, देह के समीकरण हैं और कुछ रहस्य की कहानियां भी हैं। मतलब यह कि दस कहानियों में लगभग दस अलग-अलग विषयों को समेटने की कोशिश की गई है।
तीनों खान को साथ लाएंगे साजिद

तीनों खान को साथ लाएंगे साजिद

फिल्मकार साजिद नाडियादवाला तीनों खान यानी आमिर, सलमान और शाहरूख को एक साथ एक ही फिल्म में लाने के लिए उत्सुक हैं। वह इस बारे में विचार कर रहे हैं और जल्द ही इसे अंतिम रूप दे देंगे।
सितारों के सामाजिक सरोकार

सितारों के सामाजिक सरोकार

हाल ही में दीपिका पादुकोण के महिला सशक्तिकरण पर वायरल हुए वीडियो के पक्ष और विपक्ष में अनगिनत आवाजें उठीं। पहले दो दिन तो पादुकोण को खूब वाह-वाही मिली लेकिन तीसरे दिन से कुछ लोगों ने दीपिका को लानतें भेजनी शुरू कर दी कि उन्मुक्त यौन संबंध ही महिला सशक्तिकरण नहीं है।
फिल्मी सामग्री पर प्रतिबंध ठीक नहीं : आमिर

फिल्मी सामग्री पर प्रतिबंध ठीक नहीं : आमिर

आमिर ने 2013 में आई कमल हासन की फिम विश्वरूपम पर लगाए गए प्रतिबंध की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर लोगों को किसी फिल्म में शामिल कुछ चीजें पसंद नहीं भी हैं तो भी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने को सही नहीं ठहराया जा सकता।
साम्प्रदायिकता भड़काती साध्वी

साम्प्रदायिकता भड़काती साध्वी

भारतीय जनता पार्टी नेता साध्वी प्राची ने एक बार फिर साम्प्रदायिकता भड़काने की कोशिश की है। इस बार प्राची ने हिंदी फिल्मों के चर्चित अभिनेता शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान पर निशाना साधा है। प्राची ने हिंदू संगठनों से कहा है कि वह अपने घरों की दीवारों पर लगे इन फिल्मी सितारों की फिल्मों के पोस्टर जलाएं।
बदनाम हुए तो क्या, दाम मिलेगा

बदनाम हुए तो क्या, दाम मिलेगा

पीके फिल्म के नाम पर जितनी चिल्ला चोट हो सकती है हो रही है। बैनर-पोस्टर आग के हवाले किए जा रहे हैं। टेलीविजन चैनल पर बहस का बाजार गरम है। यह फिल्म के विषय पर बहस न होकर केसरिया-हरे की बहस हो कर रह गई है।
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