शुक्रवार को जंतर-मंतर ‘साडा हक,ऐथे रख’ के नारों से गूंजता रहा। पंजाब से हजारों किसान अपनी बात कहने दिल्ली आए। गुस्से से तप रहे किसानों ने कहा कि ‘अगर ऐसा ही रहा तो हम अन्न उगाना बंद कर देंगें। उगाओ दिल्ली में गेंहूं। सिर्फ अपने लायक अन्न उगाएंगे और तुम्हें भूखे मारने के नौबत ला देंगे।‘ किसानों का कहना है कि अत्याचार बंद करो। देश के 67 फीसदी किसान ने मोदी को अगर चुना है तो वे उसे गद्दी से उतारना भी जानते हैं।
केंद्र व राज्यों की भाजपा सरकारों के खिलाफ भू-अधिग्रहण को लेकर किसानों का असंतोष बढ़ता जा रहा है। मोदी सरकार की भूमि अधिग्रहण्ा नीति को सबसे पहले लागू करने वाले राजस्थान में अजमेर हवाई अड्डे के लिए हुए भू-अधिग्रहण के खिलाफ किसान आंदोलन पर उतारू हैं। गुरुवार को रूप सिंह नाम का एक किसान विस्थापन और पूरा मुआवजा न मिलने के विरोध में पानी की टंकी पर जा चढ़ा और जान देने की धमकी देने लगा।
सदियों से चली आ रही परंपरा का निर्वाह करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर स्थित मशहूर सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर भेंट की।