चीन और जापान की तरह भारत में बुलेट ट्रेन चलने में कई वर्ष लगने वाले हैं। चलेगी तो मुंबई और अहमदाबाद के बीच अधिकतम पैसा देकर यात्रा करने वाले देशी-विदेशी संभ्रात-संपन्न वर्गों को सुविधा होगी। लेकिन उस बुलेट ट्रेन से पहले रेलवे बोर्ड ने 163 साल के इतिहास में रिकार्ड तोड़ अच्छी ट्रेनों के किराये विमान सेवाओं की तरह बढ़ा दिए। मतलब राजधानी, दुरंतो और शताब्दी जैसी ट्रेनों में अधिकांश सीटों का किराया 50 प्रतिशत बढ़ जाएगा। फैसला कल 9 सितंबर से ही लागू हो रहा है। इससे पहले यह निर्णय सर्वविदित हो गया है कि अगले वित्तीय वर्ष से रेल बजट संसद में अलग से प्रस्तुत नहीं होगा। आम बजट का हिस्सा होने से रेल पर अलग से अधिक चर्चा भी नहीं होगी।
टी.वी. समाचार चैनलों की खबरें देखने पर आपको आशंका होती होगी कि दक्षिण चीन सागर पर लड़ाकू विमान उड़ने या मिसाइलयुक्त पनडुब्बियां घूमने अथवा हिमालय की पर्वत शृंखलाओं से लगी भारत-चीन सीमाओं पर बढ़ती सैन्य गतिविधियों से कहीं युद्ध का खतरा तो नहीं मंडरा रहा है। यदा-कदा किसी नेता, सैन्य अधिकारी या प्रवक्ता की कड़ी चेतावनी चीन, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, ईरान, दक्षिण अफ्रीका में भी सुनी जा सकती है। महाशक्तियों को अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए कई बार कड़ा रुख दिखाना पड़ता है। भारत अब उन्हीं शक्तिशाली देशों के साथ उठने-बैठने लगा है।
आखिरकार नेताजी सुभाषचंद्र बोस की विमान दुर्घटना में दुखद मृत्यु के संबंध में जापान सरकार के प्रामाणिक दस्तावेज सामने आ गए। पिछले 70 वर्षों से इस मुद्दे पर विरोधाभास वाली सूचनाएं एवं टिप्पणियां आती रहीं। राजनीतिक दलों ने भी इस विवाद को गरमाया।