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मोदी सरकार के लिए नए आतंकी मोर्चे का पाठ

मोदी सरकार के लिए नए आतंकी मोर्चे का पाठ

27 जुलाई, 2015 दो झटके लेकर आया। पंजाब के गुरदासपुर में आतंकी हमला और पूर्व राष्ट्रपति 'मिसाइलमैन’ अब्दुल कलाम का निधन। कलाम का जाना एक दौर का अवसान था जबकि गुरदासपुर हमले की घटना आतंक के एक नए मोर्चे की शुरुआत।
क्यों नहीं हिली पवार की कुर्सी?

क्यों नहीं हिली पवार की कुर्सी?

महाराष्ट्र की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना भले ही मिलकर सरकार चला रहे हों मगर अब यह साफ हो चुका है सहयोग का यह भाव सिर्फ सरकार चलाने तक ही सीमित है। हकीकत यह है कि दोनों पार्टियां एक दूसरे को पटकनी देने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं।
राहुल के सामने भिड़ गए ये दो नेता

राहुल के सामने भिड़ गए ये दो नेता

राहुल गांधी भले कांग्रेस की हालत सुधारने में जुटे हों मगर कांग्रेस के नेता उनके सामने भी लड़ने से बाज नहीं आते। एक बार फिर छत्तीसगढ़ में ऐसा देखने में आया। छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय प्रवास पर आए राहुल गांधी के सामने कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई।
आतंक से मुकाबले में पूर्व आईबी प्रमुख विशेष दूत

आतंक से मुकाबले में पूर्व आईबी प्रमुख विशेष दूत

इस्लामी देशों में बढ़ते आतंकवाद से चिंतित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यालय में पूर्व खुफिया विभाग प्रमुख आसिफ इब्राहिम को महत्वपूर्ण पद सौंपा है। समझा जाता है कि इब्राहिम की पश्चिम एशियाई देशों एवं अन्य मुस्लिम देशों में अच्छी पकड़ है और पूर्ववर्ती सरकार में आईबी प्रमुख रहते हुए कई कट्टर आतंकवादियों को पकड़वाने में अहम भूमिका निभाई है।
राजीव शुक्ला फिर आईपीएल कमिश्नर

राजीव शुक्ला फिर आईपीएल कमिश्नर

लोगों की याद्दाश्त छोटी होती है यह तो अकसर कहा जाता है मगर इतनी भी छोटी नहीं होती की महज दो वर्ष पहले की बातें भूल जाएं। जाहिर है कि लोग भूले नहीं होंगे कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने 2013 में आईपीएल के कमिश्नर का पद क्यों छोड़ा था।
विदेशी शासन से बने बैकलाॅग को पूरा करने में जुटा संघ

विदेशी शासन से बने बैकलाॅग को पूरा करने में जुटा संघ

राष्ट्रीय स्वसंसेवक संघ ने कहा कि आजादी के पहले के एक हजार साल के विदेशी शासन के कारण बने बैकलाॅग को अब पूरा करना है और हिन्दू समाज अब अपनी स्वाभाविक शक्ति, मेधा और स्वाभिमान से खड़ा है। संघ की ओर से यह भी कहा गया कि संघ हिन्दू समाज के साथ सभी लोगों की चिंता करेगा।
अब क्या करेंगे योगेंद्र-प्रशांत

अब क्या करेंगे योगेंद्र-प्रशांत

आम आदमी पार्टी यानी आप की राजनीतिक मामलों की कमेटी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले जाने के बाद योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, प्रो. आनंद कुमार और प्रो. अजीत झा क्या करेंगे? क्या वे चुपचाप पार्टी से बाहर हो जाएंगे या अपने समर्थकों को लेकर नई पार्टी बनाएंगे? आम आदमी पार्टी को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के विकल्प के तौर पर देखने वालों के सर पर आजकल ये सवाल बेताल की तरह नाच रहे हैं।
बंट गई आम आदमी पार्टी

बंट गई आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी आखिर दो गुटों में बंट ही गई। एक गुट मुख्य‍मंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में तो दूसरा योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के समर्थन में। दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद पहली बार आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जो हंगामा हुआ उसकी पटकथा पहले से ही तैयार थी।
बेमौसम बारिश पर राज्यसभा में चिंता

बेमौसम बारिश पर राज्यसभा में चिंता

देश के विभिन्न भागों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं, तिलहन एवं बागवानी फसलों को हुई भारी क्षति पर गुरूवार को विभिन्न दलों के नेताओं ने गहरी चिंता जताते हुए प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा एवं फौरी राहत दिलाने के लिए विभिन्न सुझाव दिए।