भूमि अधिग्रहण अधिनियम विधेयक विपक्ष के विरोध के बावजूद लोकसभा में पास हो गया। कुल 11 संशोधनों के साथ भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हुआ। इससे पहले विपक्ष ने एकजुट होकर कहा कि सरकार ने इस प्रस्ताव में केवल कारपोरेट के हितों को ध्यान में रखा है। कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने सदन से वॉक आउट किया।
विवादास्पद भूमि विधेयक को सरकार सोमवार को लोकसभा में विचार के लिए ला सकती है। इसके साथ ही वह इस बारे में सहयोगी दलों, विपक्ष और किसान संगठनों की आपत्तियों को दूर करने के लिए इसमें कुछ संशोधन करने का मन भी बना रही है।
उत्तर प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव साल 2017 में है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी से प्रदेश का सियासी जायजा लेना शुरु कर दिया है ताकि जो संगठन में कमियां है उसे दूर किया जा सके।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मान लिया है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भूमि अधिग्रहण कानून लाए जाने के कारण उनकी पार्टी इसका विरोध नहीं कर पाई थी।
किसानो को उनका वाजिब हक दिलाने के लिए सामाजिक कार्यकर्त अण्णा हजारे वर्धा से दिल्ली तक पदयात्रा करेंगे। इस यात्रा में वह कुल 1100 सौ किलोमीटर चलेंगे। एक अनुमान के मुताबिक उन्हें इस यात्रा के लिए तीन महीने लगेगें।
भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ अन्ना हजारे का अभियान जारी है। उन्होंने मेरठ में एक सभा में कहा कि अगर सरकार जनता के सवालों को नहीं सुनती तो जनता को उसे गिराने में देर नहीं करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में बोलते हुए भूमि अधिग्रहण पर सरकार के रुख में बदलाव के संकेत दिये हैं। उन्होंने अपने भाषण में साम्प्रदायिकता पर भी चोट की और कहा कि देश का संविधान ही उनकी सरकार का धर्मग्रंथ है। वह साम्प्रदायिकता पर बोलते हुए कट्टर हिंदू नेता की छवि से बाहर आने की कोशिश करते हुए दिखाई दिये।
भूमि अध्यादेश के खिलाफ संसद के अंदर और बाहर विरोध जारी है। आज कांग्रेस पार्टी ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इसमें हिस्सेदारी की।
मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल ने आज नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भारत में नये शासन में सांप्रदायिक हिंसा बढ़ी है और भूमि अधिग्रहण अध्यादेश से हजारों भारतीयों के जबरन बेदखली का खतरा पैदा हो गया है।