राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज अपनी सभी सफलताओं का श्रेय अपनी मां को दिया और बचपन की यादों को ताजा करते हुए कहा कि वह बेमिसाल शरारती लड़के थे जो अपनी मां को खूब परेशान करता था।
रेडियो के विदेश प्रसारण प्रभाग में कार्यरत जापान में रह रहीं नीलम मलकानिया रेडियो जापान की हिंदी सेवा में कार्यरत हैं।
पंजाब में जन्मीं नीलम दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और हिंदी साहित्य और रंगमंच में स्नातकोत्तर हैं। कॉलेज के समय से पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखती रही हैं। दिल्ली और मुंबई में कई नाटकों के मंचन में मंच पर और मंच-परे सक्रिय भूमिका निभाने वाली नीलम ने रेडियो लेखन में डिप्लोमा किया है। ऑल इंडिया रेडियो के नाट्य एकांश में रांगेय राघव, सत्यजीत रे, रवीन्द्र नाथ ठाकुर की रचनाओं का रेडियो नाट्य रूपांतरण पेश कर चुकीं नीलम 'बी हाई ग्रेड' कलाकार हैं।
हजरत अमीर खुसरो की लिखी रुदार ए शिरीन एक ऐसी स्त्री की जीवन गाथा है जिसमें वह अपनी पहचान और अस्तित्व ढूंढने की कोशिश करती है। इसे संगीतमय रूप में दिल्ली घराने की महिला कलाकारों ने प्रस्तुत किया है। रुदार ए शिरीन यानी शिरीन की कहानी की मंच पर संगीतमय प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा।
5 सितंबर, 1971, जबलपुर (म.प्र) में जन्म। ढाई दशक से पत्रकारिता में सक्रीय। बीते दस बरस में दो कहानी संग्रहः आईने सपने और वसंत सेना। यूं ना होता तो क्या होता। पिछले साल आया उपन्यास दलाल की बीवी काफी चर्चित रहा। गुजरे डेढ़ दशक से लगातार फिल्म समीक्षाएं, विवेचन और अध्ययन। मुंबई में निवास। प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक अमर उजाला के मुंबई ब्यूरो प्रमुख।
सच्ची घटनाओं को परदे पर उतारना अपने आप में मुश्किल काम है। वास्तविक चरित्र के बारे में दर्शकों की जानकारी कुछ ज्यादा ही होती है और वे फिल्म देखते वक्त भूल जाते हैं कि घटनाओं को परदे पर उतारने के लिए नाटकीयता का सहारा लेना जरूरी होता है। मांझी- द माउंटेन मैन इसी का उदाहरण है।
गरीबी और भ्रष्टाचार को कैमरे से कैद करने वाला एक युवा पत्रकार खुद फिल्म की कहानी बन गया। वह छोटे-छोटे सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार और गरीबी पर वीडियो बना उन्हें इंटरनेट पर लोड कर देता। उसकी कहानियां वाशिंगटन डीसी के लॉयरेल ग्वीज डेक और ग्रेगरी वॉल्स ने देखी तो उसपर फिल्म बनाने के लिए भारत आ पहुंचे। फिल्म लगभग तैयार है।
हिमाचल प्रदेश के धर्मपुर में भारी बारिश के कारण हुए हादसे में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत होने का मामला सोमवार को लोकसभा में उठाते हुए भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने केंद्र की अपनी ही पार्टी की सरकार पर जमकर निशाना साधा।
अरुणा शानबाग की मृत्यु ने सभी को झकझोरा है। बयालीस साल कोमा में रही अरुणा शानबाग की पिछले दिनों मुंबई के केइएम अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। उन्हीं अरुणा शानबाग के जीवन पर प्रख्यात रंगकर्मी लुशिन दुबे का अगला नाटक होगा। इससे पहले पत्रकार पिंकी विरानी ने अरुणा शानबाग स्टोरी नाम से किताब भी लिखी थी। यह नाटक उसी किताब पर आधारित होगा।
पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईबी) के महानिदेशक रहे तारीक खोसा ने सोमवार को पाकिस्तान के डॉन अखबार में लिखे लेख में कहा है कि मुंबई में हुए इस हमले ने दोनों देशों को परमाणु युद्ध के मुहाने पर पहुंचा दिया था। खोसा कहते हैं कि मुंबई हमले में पाकिस्तानियों का हाथ था इसके कुछ तथ्य एफआईबी की जांच से निर्विवाद रूप से साबित हुए थे।
भूतों के किस्से सुनने में किसे मजा नहीं आता। दादी-नानी की कहानियों में परियों के अलावा भूत भी स्थायी रूप से होते ही थे। भारत में कई जगहें ऐसी हैं, जिनके बारे में प्रचलित है कि वहां भूत रहते हैं। खंडहर हवेलियों की छोड़िए कई गेस्ट हाउस भी भूतों के डेरों के तौर पर मशहूर हैं। फ्रांस के वाणिज्य महादूत फैब्रिसे एतीयेन की ख्वाहिश इन्हीं गुम किस्सों को जिंदा करने की थी। उनकी इच्छा थी कि भूतों की इन कहानियों को संग्रहित किया जाए। इसलिए उन्होंने कोलकाता के अतीत को खंगालने का बीड़ा उठाया।