दिल्ली में शरद पवार और ममता बनर्जी की सक्रियता ने सियासी हलचल तेज कर दी है। शरद पवार आज ममता बनर्जी, मुलायम सिंह यादव और अरविंद केजरीवाल के साथ चाय पर मिल सकते हैं।
किसानों से जुड़ी मांगों को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव की गिरफ्तारी के विरोध में किसान संगठन लामबंद होने लगे हैं।
मोदी सरकार पर काम न करने देने का आरोप लगाते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनके सभी 67 विधायक तिहाड़ जेल से भी काम करने को तैयार है।
केंद्र सरकार के साथ लगातार विवादों के कारण चर्चा में रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब सरकार के साथ मिलकर यमुना नदी का कायाकल्प करेंगे। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती और केजरीवाल के बीच हुई बैठक के बाद यह सहमति बनी है।
बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) और केंद्र में नेतृत्व करने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार के बीच पोस्टर युद्ध चरम पर पहुंच चुका है। गया में भाजपा के पोस्टर-बैनर नष्ट किए जाने के बाद उपजे विवाद के कारण रविवार को होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बोध गया दौरा रद्द कर दिया गया है जबकि बिहार फाउंडेशन चैप्टर का उद्घाटन करने दिल्ली पहुंचे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा में जमकर हंगामा हुआ।
बतौर प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी की ताजपोशी के बाद भारतीय जनता पार्टी में पहली दफा मुखालफत की आवाज सुनाई दी। यह आवाज है पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार की जिन्होंने मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटालों पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिख पार्टी में हड़कंप मचा दिया। शांता का यह पत्र महज पत्र नहीं है बल्कि भाजपा के अंदर एक-दूसरे के प्रति अविश्वास की खाई और घुटन का सुबूत है। भाजपा में जो चल रहा है वह इनकी पीढ़ी के नेताओं के लिए हजम न होने वाला माहौल है। पार्टी के घुटन भरे माहौल पर शांता कुमार ने आउटलुक की विशेष संवाददाता से अपने दिल्ली स्थित निवास पर खुलकर बातचीत कीः
भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने पार्टी के संस्थापक सदस्य को अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। तब पार्टी के संस्थापक सदस्य ने कहा कि, 'कुछ मत बोलो बहुत टेरर है।’ विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक यह कटाक्ष भाजपा के मौजूदा नेतृत्व को लेकर था और जब पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार की चिट्ठी सामने आई तो इस 'टेरर’ का अंदाजा लगाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुजफ्फरपुर की रैली में जब मंच से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की तारीफ कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कोस रहे थे तब मंच पर बैठे लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान मांझी के बढ़ते कद से असहज महसूस कर रहे थे। यह अलग बात है कि मंच से पासवान ने नीतीश कुमार और लालू यादव को जमकर कोसा लेकिन भाजपा नेताओं के बदलते रवैये से पासवान अंदर से कुछ ठगा महसूस कर रहे थे। और ठीक प्रधानमंत्री की रैली के वक्त भाजपा के सांसद और फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल रहे थे।