जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की ओर से आयोजित ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर अपनी ताकत का अहसास कराया। सम्मेलन में जुटे विपक्षी नेताओं ने गुजरात विधानसभा तथा देश के अगले आम चुनाव के लिए विघटनकारी ताकतों को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाने पर जोर दिया। सम्मेलन में विपक्षी दलों के नेता जिस तरह से जुटे उसे सियासी हलकों में अहम माना जा रहा है।
देश आज चौराहे पर खड़ा है। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि सही रास्ता कहां है। ऐसे में यह जरूरी है कि देशवासी संविधान द्वारा बताए गए रास्ते पर चलें जिससे देश में शांति कायम हो सके। ये बातें आज जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने आज कहीं। उन्होंने कहा कि गुरुवार (17 अगस्त) को नई दिल्ली में ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ का आयोजन किया गया है। इस सम्मेलन में विरोधी दलों के नेताओं के अलावा बुद्धिजीवी, किसान, बेरोजगार युवा, दलित और देश के सभी हिस्से के आदिवासी भाग लेंगे।
शरद यादव के करीबी अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि जेडीयू शरद यादव की पार्टी है ना कि नीतीश कुमार की। श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व पार्टी अध्यक्ष के धड़े को 14 स्टेट यूनिट के अध्यक्षों का समर्थन प्राप्त है।