सरकारी बैंक भारी डूबत कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं। 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष तक उनका सकल एनपीए 2.67 लाख करोड़ रुपये था जो पूरे बैंकिंग उद्योग के एनपीए का 86 प्रतिशत बैठता है।
सरकार के सुधारों के एजेंडे को रोकने में राज्यसभा की भूमिका की बात करने वाले वित्त मंत्री अरुण जेटली के बयान के लिए कांग्रेस ने आज उनसे माफी मांगने को कहा। कांग्रेस ने कहा है कि संविधान और संसद को पुन: परिभाषित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
वित्त मंत्रालय ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के भाई अरुण पी. साठे को पूंजी बाजार नियामक सेबी के निदेशक मंडल में अंशकालिक सदस्य नियुक्त किए जाने का आज बचाव किया और कहा कि वे इसके योग्य हैं और काफी ईमानदार हैं।
अभिनेता अरुण गोविल भारत के टीवी जगत में एक जाना पहचाना नाम हैं। लगभग 25 साल पहले रामायण में निभाए गए भगवान राम के किरदार के लिए पूरा देश उन्हें आज भी याद करता है। गोविल इस समय टीवी पर बहुत कम सक्रिय हैं। हाल ही में वे डीडी किसान चैनल से जुड़े हैं। और अब भाजपा से जुड़ने की खबरों से चर्चा में हैं।
श्रम कानूनों में सुधार के प्रस्तावों पर श्रम संगठनों के कड़े विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि श्रम कानूनों में जरूरी सुधार किए जाएंगे मगर ये सुधार श्रम संगठनों के परामर्श और उनकी सहमति से ही होंगे। प्रधानमंत्री ने यहां 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
सरकार पर 'किसान विरोधी' होने का दाग लगवाकर भी भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की जिद्द पर अड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यही मुद्दा नीतिगत मोर्चे पर शिकस्त दे रहा है। बुधवार को हुई नीति आयोग की बैठक में तकरीबन साफ हो गया कि केंद्र सरकार संसद के जरिये भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की आस छोड़कर राज्यों को अपने कानून बनाने के लिए प्रेरित करेगी। हालांकि, मोदी सरकार से यह प्रेरणा लेने के लिए केवल 16 मुख्यममंत्री मौजूद थे। यानी भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की कवायद पूरे देश के बजाय अब एनडीए शासित राज्यों तक सिमट जाएगी। लेकिन इसके खतरे भी कम नहीं हैं।
यूं तो राम को चौदह साल का वनवास मिला था। लेकिन रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल का ‘टीवी वनवास’ कुछ ज्यादा ही चल गया। अब खबर है कि अरुण गोविल जल्द ही ‘धरती की गोद में’ नाम से बन रहे एक धारावाहिक से टेलीविजन पर वापसी करेंगे।
व्यापामं घोटाले की जांच से जुड़े जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डाॅ. अरुण शर्मा की रहस्यमय हालत में मौत हो गई है। करीब एक साल पूर्व डीन भी इसी तरह संदिग्ध हालत में मृत पाए गए थे, जिसका राज आज तक नहीं खुला है। कहा जा रहा है कि डॉ. शर्मा ने दो दिन पहले ही व्यापमं से जुड़े 200 दस्तावेज एसटीएफ को सौंपे थे। एक दिन के अंदर व्यापमं से जुड़ी दो मौतों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
व्यापमं घोटाले की कवरेज पर गए टीवी पत्रकार की संदिग्ध मौत के बाद अब घोटाले की जांच से जुड़े जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन का शव दिल्ली यरपोर्ट के पास एक होटल में मिला है। हैरानी की बात है कि इसी मेडिकल कॉलेज की पूर्व डीन की मौत भी रहस्यमय तरीके से हुई थी। अब तक इस घोटाले से जुड़े 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।