वित्त मंत्री अरुण जेटली लगातार दो बजट पेश कर चुके हैं और दोनों ही बजट में खास बात रही है उनका सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई औद्योगिक इकाईयों के लिए खुलकर फंड की व्यवस्था करना।
संसद में आज पेश 2015-16 के आम बजट में व्यक्तिगत आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। कंपनी कर में भी अगले वित्त वर्ष के लिये कर-दर में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं है, लेकिन एक करोड़ रपये से अधिक की सालाना कमाई पर अधिभार दो प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।
धूम्रपान व अन्य तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल अब महंगा होगा। वहीं सेवा कर की दरों में बढ़ोतरी से कई सुविधाएं मसलन होटल में खाना, हवाई यात्रा या बिलों का भुगतान महंगा हो जाएगा।
आम बजट से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 पेश किया। सर्वेक्षण में अगले वित्त वर्ष में 8.1 से 8.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि रहने का अनुमान लगाते हुये बड़े आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
संसद के बजट सत्र में भूमि अधिग्रहण सहित कई मुद्दों को लेकर विपक्ष का हंगामा जारी है। विपक्षी नेताओं ने भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल किसानों के विरोध में है।
लोकसभा चुनाव के दौरान जमकर काले धन का मुद्दा उठाने वाली भारतीय जनता पार्टी भले ही चुनाव के बाद एक पैसे का काला धन वापस लाने में कामयाब न हुई हो मगर माना जा रहा है कि देश और विदेश में जमा किए गए काले धन की समस्या से निबटन के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की गई कुछ सिफारिशों के आधार पर बजट में नीतिगत उपायों की घोषणा कर सकते हैं।