सत्ता में आने के बाद, एक साल से भी कम समय में अब नई सरकार देश की सबसे अहम आर्थिक समस्याओं एवं कम लागत में कारोबार शुरु करने जैसे मुद्दों से निबटने को तैयार है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को साफ कर दिया कि भारत कालेधन की पनाहगाह (टैक्स हैवन) नहीं है और यहां न्यायोचित कर चुकाना ही होगा। जेटली ने यहां उद्योगमंडल सीआईआई की वार्षिक आम-सभा को संबोधित करते हुए कहा, भारत निवेशकों के लिए इतना असुरक्षित नहीं है कि कर की हर न्यायोचित मांग को कर आतंकवाद के रूप में देखा जाए।
पिछले कुछ समय से मीडिया में ऐसी खबरें चल रही थीं कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और केंद्र सरकार के बीच सबकुछ ठीक नहीं है और सरकार नीतिगत दरों में अपेक्षा अनुरूप कटौती नहीं होने के कारण राजन से नाराज है जबकि राजन रिजर्व बैंक की स्वायत्ता में सरकार के हस्तक्षेप के कारण खिन्न हैं।
आम आदमी पार्टी में अंतरिक कलह तेज होने के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि पार्टी को दिल्ली के लोगों से किये गए वादों को पूरा करना चाहिए और अपरिपक्व राजनीति करके मौके को नहीं गंवाना चाहिए।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मान लिया है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भूमि अधिग्रहण कानून लाए जाने के कारण उनकी पार्टी इसका विरोध नहीं कर पाई थी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली लगातार दो बजट पेश कर चुके हैं और दोनों ही बजट में खास बात रही है उनका सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई औद्योगिक इकाईयों के लिए खुलकर फंड की व्यवस्था करना।
संसद में आज पेश 2015-16 के आम बजट में व्यक्तिगत आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। कंपनी कर में भी अगले वित्त वर्ष के लिये कर-दर में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं है, लेकिन एक करोड़ रपये से अधिक की सालाना कमाई पर अधिभार दो प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।