लिपस्टिक अंडर माय बुर्का की चर्चा लंबे समय से थी। इसमें फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है। उन्होंने इस फिल्म में इतने कट सुझाए थे कि फिल्म की रील छलनी की तरह ही निकल कर आती।
लंबे समय से विवादों में फंसी फिल्म अंततः 28 जुलाई को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो ही जाएगी। लिपस्टिक अंडर माय बुर्का को सर्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा था। निर्माता प्रकाश झा और निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव ने फिल्म की रीलिज के लिए लंबी लड़ाई लड़ी।
फिल्म निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव का मानना है कि भारत का सेंसर बोर्ड दरअसल देश के नागरिकों का प्रतिनिधित्व ही नहीं करता है। इसलिए फिल्मकारों को अपनी तीखी कहानियों को बयां करने के लिए कठोर रुख अपनाना होगा। उन्होंने अपनी ‘लिपस्टिक अंडर माई बुरका’ को लेकर उठे विवाद के बाद कहा, भारत में महिलाएं उतनी आजाद नहीं हैं जितना कि वो होने की कल्पना करती हैं।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा लिपस्टिक अंडर माय बुर्का को सर्टिफिकेट न दिए जाने के बाद इस फिल्म और इसके निर्माता प्रकाश झा के विरोध में फतवा जारी कर दिया है। भोपाल में मुस्लिम त्योहार कमेटी की मजलिस ए शूरा ने फतवा जारी किया है। फतवे में फिल्म निर्माता प्रकाश झा को भोपाल न आने की चेतावनी भी दी गई है।
फिल्मकार श्याम बेनेगल, सुधीर मिश्रा, नीरज घैवान सहित अन्य ने प्रकाश झा की फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ को प्रमाणपत्र देने से इनकार करने के सेंसर बोर्ड के फैसले की आलोचना की।