पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा अलगाववादी मसर्रत आलम की रिहाई के मामले में दिए बयान के बाद पीडीपी और भाजपा के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। भाजपा का अब कहना है कि जबरन तनाव पैदा किया जा रहा है।
आम आदमी पार्टी (आप) से प्रशांत भूषण, योगेन्द्र यादव और शांति भूषण को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए दिल्ली के पचास से ज्यादा विधायकों ने दस्तखत किये हैं। इससे पहले योगेन्द्र यादव ने कहा था कि विधायकों पर उनके खिलाफ दस्तखत करने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वासमत हासिल कर लिया। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी गुट के विधायकों ने भी विधायकी जाने के डर से नीतीश कुमार का साथ दिया। विश्वासमत प्रस्ताव के पक्ष में 140 वोट पड़े जबकि विरोध में कोई मत नहीं पड़ा।
योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को आम आदमी पार्टी (आप) की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) से निकालना अरविंद केजरीवाल गुट के गले की फांस बन गया है। केजरीवाल के करीबी मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, संजय सिंह और पंकज गुप्ता ने यादव और भूषण को पीएसी से हटाने को लेकर सफाई दी है।
आप का एक गुट योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को इतना अपमानित करना चाहता था कि वे पार्टी छोड़कर चले जाएं लेकिन उन्होंने ऐसा न कर उस गुट के इरादों पर पानी फेर दिया। अब वही गुट मुझे भी अपमानित करने पर उतारू है। यह कहना है कि आप नेता मयंक गांधी का। उन्होंने एक और ब्लॉग लिखकर अपनी बात कही है।