श्रीलंका से तमिल विद्रोहियों को पूरी तरह कुचल देने वाले देश के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को डर सता रहा है कि इतनी मुश्किल से हराए गए अलगाववादी तमिल टाइगर्स फिर से एकजुट हो सकते हैं और देश में आतंकवाद फिर से पनप सकता है।
अमरनाथ यात्रा की अवधि 30 दिन तक सीमित करने की हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी की मांग खारिज करते हुए हुए जम्मू-कश्मीर के उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कि अलगाववादी राज्य में अप्रासंगिक हो चुके हैं, लिहाजा अपनी ओर ध्यान खींचने की खातिर मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।
सरकार ने मंगवार को बताया कि राजद्रोहपूर्ण गतिविधियों में संलिप्तता के लिए कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मसर्रत आलम के खिलाफ नई प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं और उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया, साथ ही प्रदेश सरकार से कहा गया है कि उसके खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक मामलों पर गहनता से कार्रवाई की जाए।
पूरी दुनिया में भले ही भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को गुट निरपेक्ष आंदोलन के नेता के तौर पर जानती है लेकिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बांडुंग सम्मेलन की 60वीं सालगिरह के मौके पर नेहरू का नाम लेना तक जरूरी नहीं समझा। विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने भी नेहरू का जिक्र तक नहीं किया। कांग्रेस मुक्त भारत का नारा देकर सत्ता में आई मोदी सरकार अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इसी नीति को आगे बढ़ा रही है। भारत सरकार की ओर से वैश्विक मंच पर नेहरू के योगदान को नजरअंदाज करने का यह अनूठा मामला है।
tजम्मू कश्मीर प्रशासन ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक सहित कई अन्य अलगाववादी नेताओं को आज नजरबंद कर दिया जबकि इस सप्ताह के शुरू में सेना की कार्रवाई में दो युवकों के मारे जाने के खिलाफ कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के आह्वान पर आयोजित हड़ताल का कश्मीर के कुछ हिस्सों में आंशिक प्रभाव दिखा।
जम्मू कश्मीर में पीडीपी नीत सरकार ने गठबंधन सहयोगी भाजपा के दबाव में शुक्रवार को अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को यहां बुधवार को आयोजित एक रैली के दौरान पाकिस्तानी ध्वज लहराने के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया।
जम्मू कश्मीर में पीडीपी नीत सरकार ने गठबंधन सहयोगी भाजपा के दबाव में शुक्रवार को अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को की गिरफ्तारी के बाद घाटी में तनाव हो गया है। आलम की गिरफ्तारी के बाद घाटी पर केंद्र सरकार हर गतिविधि पर नजर बनाये हुए है।
आप के बागी गुट ने छेड़ा स्वराज आंदोलन और आम आदमी पार्टी छोड़ने से इनकार किया। आप के असंतुष्टों द्वारा आयोजित स्वराज संवाद ने तीखे तेवरों के साथ यह ऐलान किया गया कि आप किसी एक व्यक्ति की पार्टी नहीं है।
जम्मू-कश्मीर में प्रमुख विपक्षी राजनीतिक पार्टियों और अलगाववादी समूहों ने घाटी में कश्मीरी पंडित विस्थापितों के लिए अलग टाउनशिप निर्माण के राज्य सरकार के कदम की यह कहते हुए आलोचना की कि यह लोगों को बांटेगा और इससे सुरक्षा के लिये खतरा उत्पन्न होगा।