दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने अमित शाह का यह कार्यकाल कड़ी चुनौती वाला माना जा रहा है। क्योंकि कई राज्यों में जहां विधानसभा चुनाव होने हैं वहीं अगले लोकसभा का चुनाव भी शाह की ही अध्यक्षता में लड़ा जाएगा।
बॉलीवुड जगत की कुछ बेहतरीन जोड़ियों में से एक, अभिनेता फरहान अख्तर और उनकी पत्नी अधुना की 15 साल पुरानी शादी अब टूट चुकी है। फरहान अख्तर और पत्नी अधुना ने एक साझा बयान जारी कर अपने अलगाव की घोषणा की है।
जम्मू कश्मीर की नई मुख्यमंत्री के तौर पर महबूबा मुफ्ती के नाम पर जाहिर तौर पर सहमित है, साथ ही कांग्रेस-एनसीपी की मदद से उनके सरकार बनाने के कयास भी घाटी के राजनीतिक माहौल को गरमाए हुए हैं
दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संपन्न वर्गों के लिए अधिक किराये वाली एक प्रीमियम बस सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। योजना के अनुसार, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) अधिक किराया दे सकने वाले लोगों के लिए वातानुकूलित प्रीमियम बसें चला सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन दिनों वन एशिया अवधारणा को जोरशोर से आगे बढ़ाया जा रहा है जबकि स्वामी विवेकानंद ने आज से 100 साल पहले ही इस संकल्पना को पेश किया था। मलेशिया में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने आतंकवाद को धर्म से अलग करने की जरूरत पर जोर दिया।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कल चेन्नई में होने वाला चौथा एकदिवसीय मैच कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए कई मोर्चों पर चुनौतीपूर्ण साबित होगा। अपने कॅरिअर के सबसे उलझन भरे दौर से गुजर रहे धोनी को तय करना होगा कि बल्लेबाजी क्रम क्या रखा जाए और किन गेंदबाजों के दम पर शृंखला के इस कठिन दौर से उबरा जाए क्योंकि ज्यादातर बल्लेबाज आउट ऑफ फॉर्म चल रहे हैं और भारतीय गेंदबाजी की अपनी मुश्किलें हैं।
भीषण पिछड़ेपन का शिकार देश भर की 666 विमुक्त घूमंतू जनजातियां और अतिपिछड़ी जातियां अपने विकास के लिए आरक्षण में अलग हिस्से के लिए हो रही गोलबंद, अगले साल दिल्ली कूच
अनुभवी प्रशासक जगमोहन डालमिया के निधन ने बीसीसीआई को विभाजित कर दिया गया है। पूर्व क्षेत्र की इकाइयों ने अपना स्वयं का उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया है जिससे उत्तराधिकार की लड़ाई में नया मोड़ आ गया है।
हाल ही में चर्चा में चल रही बांग्ला फिल्म निरबाशितो की निर्देशिका चुरनी गांगुली का कहना है कि यह फिल्म विवादित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन के जीवन पर आधारित नहीं है। हां लेकिन यह सच है कि फिल्म तसलीमा के निर्वासन के बाद की घटना से प्रेरित है।