सुप्रीम कोर्ट ने आज आधार अनिवार्यता मामले पर सुनवाई करते हुए ऐसे नागरिकों को राहत प्रदान की है, जिनके पास आधार कार्ड या नंबर नहीं है। कोर्ट ने आधार को अनिवार्य बनाने वाली सरकारी अधिसूचना पर अंतरिम आदेश देने से इंकार कर दिया है।
छत्तीसगढ़ के संवरा जनजाति के कुछ लोग पिछले कुछ दिनों से दिल्ली आकर विभिन्न सांसदों के चक्कर काट रहे हैं, पूछने पर बताते हैं कि हम लोग दशकों से इस तरह भटक रहे हैं, लेकिन हमें अभी तक कोई पायदा नहीं हुआ। दरअसल इनका कहना है कि सौंरा, संवरा, सवरा, सौरा छत्तीसगढ़ की जनजाति है जिन्हें पिछले 2002 से लिपिकीय त्रुटि की वजह से आदिवासी नहीं माना जा रहा है। लिहाजा जनजातियों को मिलने वाले आरक्षण सहित अन्य लाभ से यह समुदाय पूरी तरह वंचित है।
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने आगाह किया कि डिजिटल एज के तहत ऑटोमेशन से लोगों के लिए रोजगार अवसर कम हो सकते हैं हालांकि इससे बड़े स्तर पर रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। रंगराजन आईसीएफएआई फाउंडेशन फोर हायर स्टडीज का सातवां स्थापना दिवस व्याख्यान दे रहे थे।
नोटबंदी का निर्णय लेने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी कैशलेस सिस्टम की जोरदार ढंग से वकालत कर रहे हैं। लेकिन इंटरनेट सेवा को बंद करने या बाधा पहुंचने से पीएम मोदी की यह सोच कारगर ढंग से सफल नहीं हाेे सकती। बिना इंटरनेट के आप कैशलेस सोसायटी की कल्पना तक नहीं कर सकते। 2014 के बाद देश के विभिन्न इलाकों में 250 दिन इंटरनेट सेवा बाधित रही। इस साल करीब 200 दिन मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी में परेशानी आई। पिछले साल करीब 30 दिन इंटरनेट सेवा ठप्प रही।
रक्षा क्षेत्र के नए खिलाड़ी उद्योगपति अनिल अंबानी ने रक्षा क्षेत्र की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि नई कंपनियों को अनुभव की कमी का हवाला देकर इस क्षेत्र में अवसरों से वंचित किया जा रहा है। अंबानी ने इसे प्रतिस्पर्धा को समाप्त करने का निहित स्वार्थों का तिकड़म बताया।
केंद्र सरकार ने लंबे इंतजार के बाद सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) 2011 के कुछ आंकड़े जारी किए हैं। हालांकि, जाति से जुड़े आंकड़ों का अभी भी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन ग्रामीण भारत से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इनमें से कुछ आंकड़े काफी विवादस्पद नजर आते हैं। नतीजों को सार्वजनिक करने में देरी और आपत्तियों की सुनवाई को लेकर यह जनगणना पहले ही सवालों से घिरी है। जानिए देश के 640 जिलों में हुई सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना ग्रामीण भारत की कैसी तस्वीर पेश करती है-