एक के बाद एक आप नेता विवादों में फंसते जा रहे हैं। जितेंद्र सिंह तोमर की डिग्री पर बवाल के बाद अब कुमार विश्वास को दिल्ली महिला आयोग ने समन भेजा है। पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि उनके और कुमार विश्वास के संबंधों को लेकर सोशल मीडिया में अफवाहें फैलाई जा रही है, जिससे उनकी बदनामी हो रही है। और उसका परिवार टूटने के कगार पर है। इस मामले की शिकायत महिला अरविंद केजरीवाल और दिल्ली पुलिस आयुक्त से भी कर चुकी है।
मध्य प्रदेश एक बार फिर माफिया की करतूतों से चर्चा में है। खनन, भूमि, स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में फैले माफियाओं ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कल तक मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार का गुणगान करने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता भी अब मानने लगे हैं कि राज्य में अव्यवस्था फैलती जा रही है।
केंद्र सरकार ने अपना रुख कड़ा करते हुए संकेत दिया कि वह विवादास्पद भूमि विधेयक में आगे संशोधनों की इजाजत नहीं देगी और इस बात पर जोर दिया कि वह नतीजों का सामना करने के लिए तैयार है। संसदीय कार्य और शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने पीटीआई-भाषा से कहा, सरकार ने जरूरी संशोधन किए हैं।
उत्तराखंड के रामनगर में दो पत्रकारों पर जानलेवा हमला किया गया है। हमले में स्वतंत्र पत्रकार और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव प्रभात ध्यानी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। प्रभात को हद्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
केंद्र सरकार को आज राज्यसभा में विपक्षी दलों में फूट डालकर खान और खनिज विधेयक तथा कोयला खनन विधेयक पारित करवाने में सफलता मिली। ये दोनों विधेयक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारपोरेट विकास के लिए बहुत अहम थे और इन्हें पारित कराना उनके लिए बड़ी चुनौती भी थी।
पहले राजमार्ग ठेकेदारी में धांधली में गई सत्येंद्र दुबे की जान, फिर पेट्रोलियम पदार्थों में मिलावट की साजिश का पर्दाफाश करने वाले मंजूनाथ और अब रेत माफिया की प्रताड़ना से आजिज आकार कर्नाटक के एक और आईएएस अधिकारी डी. के. रवि ने खुदकुशी कर ली।
अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया है। इस एप्लीकेशन के जरिये अब ग्राहक अपनी पसंदीदा ब्रांड की शराब की वैधता परख सकेंगे।
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को उसके खिलाफ आरोप पत्र के अभाव में 90 दिन से अधिक निलंबित नहीं रखा जा सकता क्योंकि ऐसे व्यक्ति को समाज के आक्षेपों और विभाग के उपहास का सामना करना पडता है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम का अनुमान मीडिया द्वारा किए गए तमाम सर्वेक्षण और एग्जिट पोल भी नहीं लगा पाए। हालांकि आम आदमी पार्टी की जीत का दावा ज्यादातर सर्वेक्षणों में किया गया था लेकिन बंपर जीत का अनुमान किसी ने नहीं लगाया।