Advertisement

Search Result : "अश्विनी अय्यर तिवारी"

भाजपा सांसद के अखबार में मोदी की आलोचना, केजरीवाल के कसीदे

भाजपा सांसद के अखबार में मोदी की आलोचना, केजरीवाल के कसीदे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अब उनकी पार्टी से ही विरोध की आवाजें सुनाई देने लगी हैं। ताजा मामला भाजपा सांसद अश्विनी कुमार का है जिनके अखबार में एक विशेष संपादकीय में नरेंद्र मोदी की जमकर आलोचना की गई है जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तारीफ में कसीदे पढ़े गए हैं।
इंडियन ओपन: साइना दूसरे दौर में, श्रीकांत बाहर

इंडियन ओपन: साइना दूसरे दौर में, श्रीकांत बाहर

मौजूदा चैंपियन किदाम्बी श्रीकांत इंडियन ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट के पुरुष एकल में आज यहां पहले दौर में ही हारकर बाहर हो गए लेकिन साइना नेहवाल महिला एकल के दूसरे दौर में पहुंचने में सफल रहीं। महिला एकल में मौजूदा चैंपियन साइना के अलावा रितुपर्णा दास ने आज यहां सिरीफोर्ट स्टेडियम में 300,000 डॉलर ईनामी राशि वाले टूर्नामेंट के पहले दौर में आसान जीत दर्ज की।
भाजपा राष्ट्रवाद का नाटक कर रही है- कांग्रेस

भाजपा राष्ट्रवाद का नाटक कर रही है- कांग्रेस

सोमवार को कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि पिछले 22 महीने में जो सरकार की नाकामियां रही हैं, जो असफलता रही है उसके ऊपर पर्दा डालने के लिए एक फर्जी बहस राष्ट्रवाद पर सरकार ने शुरु कर दी है।
पंजाब चुनाव को लेकर कांग्रेस में मंथन, मनीष तिवारी को बैठक में नहीं बुलाया

पंजाब चुनाव को लेकर कांग्रेस में मंथन, मनीष तिवारी को बैठक में नहीं बुलाया

पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस रणनीति बनाने में जुट गई है। इसी क्रम में पार्टी ने पंजाब के वरिष्ठ नेताओं से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और चुनाव प्रबंधन के विशेषज्ञ प्रशांत किशोर के साथ मुलाकात की। वहीं पार्टी प्रवक्ता और पूर्व सांसद मनीष तिवारी को बैठक से दूर रखा गया।
कार्टून में दिखी बाघों की व्यथा

कार्टून में दिखी बाघों की व्यथा

अगर शेर, बाघ और अन्य पशु बोलने लगें तो क्या होगा। शायद वह यही कहें, प्लीज हमें बक्श दो। मध्य प्रदेश के कार्टूनिस्ट हरिओम तिवारी ने बाघों पर आधारित कार्टून बनाए और टाइगर स्पीक नाम से दिल्ली में लोगों तक यह बात पहुंचाने की कोशिश की कि उन्हें भी चैन चाहिए हमारी तरह।
गांव गरीब की मटकी में मीठा, कारोबारियों की थाली में मलाई

गांव गरीब की मटकी में मीठा, कारोबारियों की थाली में मलाई

देश में सरकार की चौतरफा हो रही आलोचना के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली जब वर्ष 2016-17 का बजट प्रस्तुत करने 29 फरवरी को लोकसभा में खड़े हुए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी सरकार दम साधे यह देख रही थी आखिर यह बजट उन्हें जनता के बीच खड़े होने का भी मौका देगा या नहीं। लेकिन जेटली सब तय करके बैठे थे और उन्होंने बजट भाषण की शुरुआत ही इन पंक्तियों से करके अपने इरादे जता दिए थे: 'कश्ती चलाने वाले ने जब हार के दी पतवार हमें लहर-लहर तूफान मिले और मौज-मौज मंझधार हमें फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको इन हालात में आता है दरिया पार करना हमें
फ्रीडम 251 पर कांग्रेस ने सरकार से मांगा जवाब

फ्रीडम 251 पर कांग्रेस ने सरकार से मांगा जवाब

एक निजी कंपनी द्वारा 251 रुपये में स्मार्ट फोन उपलब्ध कराने की योजना को मेक इन इंडिया की बजाय मेक इन फ्रॉड करार देते हुए कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने इस योजना को लांच करने के अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति पर कड़ा एतराज जताया और सरकार से इस बारे में जवाब देने को कहा।
साहित्योत्सव में डूबे रसिक

साहित्योत्सव में डूबे रसिक

साहित्य अकादमी के साहित्योत्सव में ‘गांधी, आंबेडकर, नेहरू: निरंतरता तथा अलगाव’विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में भारतीय इतिहास और संस्कृति की प्रख्यात अध्येता कपिला वात्स्यायन ने अपनी बात रखी।
कुछ दिन शिमला न जाने की सलाह

कुछ दिन शिमला न जाने की सलाह

हिमाचल प्रदेश की राजधानी एवं पर्यटन नगरी शिमला में प्रदूषित पानी सप्लाई के चलते बीमार होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। एहतियात के तौर पर कुछ दिनों के लिए वहां पर्यटकों को न जाने की सलाह दी जा रही है।
मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

पूर्वोत्तर के बारे में मैं कहना चाहूंगा कि असम एक ऐसा राज्य है, जहां अस्थिरता रही है। 70 के दशक में वहां भारी हंगामा रहा और 80 का दशक आते-आते हंगामा बढ़ता रहा। उसके समाधान के लिए, वहां लोकतंत्र लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जो कदम उठाए वह आज तक किसी ने नहीं उठाए। सन 1985 में वहां हंगामा करने वालों की जीत हुई थी, उन्होंने सरकार चलाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने असम को बरबाद करके छोड़ दिया। उनमें हुकूमत बनाए रखने की क्षमता नहीं थी। लेकिन यह लोकतंत्र है, यहां जो जनता चाहेगी उसी की सरकार बनेगी। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर वोट मिलेंगे। आखिरकार जनता ने सही सरकार चुनी।
Advertisement
Advertisement
Advertisement