असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल विधानसभा चुनाव में मतदान होने तक धन के मायाजाल की काली छाया दिखाई दी। चुनाव आयोग की चेतावनी और निगरानी की भी सीमा होती है।
सोमवार की शाम तमिलनाडू, केरल और पुडूचेरी में मतदान खत्म होने के साथ ही पांच राज्यों का चुनाव संपन्न हो गया। 19 मई को आने वाले नतीजों से पहले जारी विभिन्न एक्जिट पोलों ने राजनीतिक दलों की बेचैनी बढ़ा दी है। सभी एक्जिट पोल थोड़े-बहुत सीटों के अंतर के साथ लगभग एक जैसे परिणाम की ओर ही इशारा कर रहे हैं। ज्यादातर एक्जिट पोल असम और केरल में कांग्रेस की करारी हार तो भाजपा को असम और माकपा नीत एलडीएफ को केरल में सरकार बनाते हुए दिखा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के एक्जिट पोल में ममता बनर्जी को एक बार फिर विजयी रथ पर सवार बताया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के मामले पर आक्रामक रूख जारी रखते हुए आप के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलकर मांग की कि उन्हें प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी की बीए डिग्री के रिकॉर्ड का निरीक्षण करने दिया जाए लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटा दिया गया।
असम के विधानसभा चुनाव में अगर भारतीय जनता पार्टी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिलता है तो उसके लिए सरकार बनाने की राह मुश्किल हो सकती है क्योंकि राज्य में मुस्लिम मतदाताओं पर अच्छी पकड़ रखने वाले एआईयूडीएफ के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने भाजपा को सरकार बनाने से रोकने के लिए कांग्रेस, असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट को साथ लेकर धर्मनिरपेक्ष मोर्चा बनाने का सुझाव दिया है।
उड़ीसा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, असम, बिहार और बंगाल में नए सिरे से सक्रिय हो रहे हैं माओवादी। नए स्क्वायड खड़े करने में जुटा पीपुल्स लिबरेशन ऑफ गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए)। पीपुल्स लिबरेशन ऑफ गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के प्रधान (कमांडर इन चीफ) मिसिर बेसरा को बंगाल के जंगलमहल में माओवादी गुरिल्ले तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।
पंजाब में किसानों द्वारा आत्महत्या करने और असम में आतंकी समूह की सक्रियता का मामला आज लोकसभा में उठा तथा केंद्र सरकार से इसकी जांच कराने और जरूरी कार्रवाई करने की मांग की गई।
संसद के सोमवार से शुरू हो रहे अगले सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार के बीच लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है ताकि संसद का कामकाज सुचारू रूप से हो सके।
पश्चिम बंगाल में बेहद महत्वपूर्ण तीसरे चरण के मतदान से पहले कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिए पूरे राज्य में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के 75,000 जवानों सहित एक लाख सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।