सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के 2002 के दंगों में तबाह अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में संग्रहालय के निमित्त धन का कथित रूप से गबन करने से संबंधित मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड और उनके पति को गिरफ्तारी से प्राप्त अंतरिम संरक्षण की अवधि आज 31 जनवरी तक बढ़ा दी। न्यायमूर्ति ए.आर. दवे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, अंतरिम राहत 31 जनवरी तक जारी रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के ढोल की पोल गुजरात में खुल रही। अहमदाबाद में सीवर में मौत के बाद एफआईआर तक आसानी से नहीं होती है दर्ज, गौर कानून प्रथा चल रहे है खुलेआम, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप 10 लाख रुपये का मुआवजा भी परिजनों को नहीं नसीब
देश में कथित तौर पर बढ़ती असहिष्णुता पर विपक्ष समेत विभिन्न वर्गों की आलोचनाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद कांग्रेस को असहिष्णुता पर हमें उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है, वे इस विषय पर ड्रामा कर रहे हैं।
सत्ता में आने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी के साथ कोई न कोई विवाद चल ही रहा है। केंद्र की बात छोड़ भी दें तो इसकी राज्य सरकारें लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर रही हैं। मध्य प्रदेश में व्यापमं, राजस्थान में ललित मोदी प्रकरण, महाराष्ट्र में पंकजा मुंडे पर लगे आरोपों के बाद अब ताजा मामला है गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल का।
धर्म या संप्रदाय की स्वनिर्मित अवधारणाओं के आधार पर अस्मिता या राष्ट्रीयता को परिभाषित करने वाली विचारधारात्मक सनक के हाथों भिन्न विचारों और आस्था वाले लोगों के साथ हिंसा और प्रताड़ना के आजादी के बाद से चले आ रहे सिलसिले को देखता हूं तो सोचता हूं, इस देश में कौन सुरक्षित है?
जिसे जिसका मांस खाना हो खाए, कोई गाय को माता माने या न माने, कोई बार-बार विदेश जाकर भारत की जैसी मर्जी महिमा मंडन करे, कोई किसी को मुल्ला कहे या पाकिस्तानी। मुसलमानों के एक बहुत बड़े वर्ग को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। ये मध्य और निम्न मध्य वर्ग के वे मुसलमान हैं जो दंगों की लपटों में झुलस जाते हैं। इस वर्ग को मतलब है तो सिर्फ इस बात से कि इन्हें दो जून की रोटी मिलती रहे और रोटी कमाने वाले कायम रहें। ये अपने गांव में रहते रहें क्योंकि दूसरी किसी जगह पर ठिकाना नहीं है। इन्हें रहने के लिए गांव छोडक़र कैंपों में न जाना पड़े। यही इनकी सबसे बड़ी फिक्र है।
भाजपा और शिवसेना के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। मुंबई में गुलाम अली का कंसर्ट रद्द होने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दुखद करार दिए जाने पर शिवसेना ने कड़ा ऐतराज जताया है। नरेंद्र मोदी काे उनका अतीत याद दिलाते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, नरेंद्र मोदी जी की पहचान विश्व में गोधरा-अहमदाबाद की वजह से हुई है, और उसी वजह से हम मोदी जी का आदर भी करते हैं।
दादरी के बिसहड़ा गांव में गोमांस रखने की अफवाह के कारण हुई अखलाक अहमद की हत्या से बेशक चारों ओर नफरत का धुंआ फैल रहा है लेकिन नफरत के गहराते काले धुंए में भी दिल को सुकून देने वाली हिंदू-मुस्लिम मोहब्बत की कई मिसालें कायम हैं। हाल ही में मिर्जापुर दौरे के दौरान ऐसी ही एक मिसाल देखने को मिली। शालिनी कुशवाहा समेत बहुत सारी हिंदू महिलाओं को यास्मीन फातिमा की ईद की सेंवइयों का इंतजार होता है तो यास्मीन हिंदु सहेलियों के घर में बनी होली की गुझियों और दीवाली की मिठाइयों की बाट जोहती है।
करीब दो साल के इंतजार के बाद मुजफ्फरनगर दंगे के गुहनगारों के नाम उजागर हो सकते हैं। दंगों की जांच कर रहे जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट राज्यपाल राम नाईक सौंपी दी है।