दिल्ली को दमघोंटू प्रदूषण से बचाने के लिए सम, विषम नंबर के आधार पर एक दिन छोड़कर गाड़ियां चलाने की योजना को भारत के चीफ जस्टिस से महत्वपूर्ण समर्थन मिला है।
लेखक परिचय: 8 अगस्त 1915 में रावलपिंडी में जन्म। आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में एक। सन 1937 में लाहौर गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एमए करने के बाद उन्होंने सन 1958 में पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। विभाजन के बाद भारत आकर समाचार पत्रों में लिखा और भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) से भी जुड़े। अंबाला और अमृतसर में अध्यापक रहने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में भी साहित्य के प्रोफेसर रहे। भाग्य-रेखा, पहला पाठ, भटकती राख, पटरियां, वाङचू, शोभायात्रा, निशाचर, पाली नाम से कहानी संग्रह के साथ झरोखे, कड़ियां, तमस, बसंती, मय्यादास की माड़ी, कुंतो, नीलू नीलिमा नीलोफर उपन्यास बहुत चर्चित रहे। इस साल उनका जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। सन 1975 में तमस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और इसी वर्ष शिरोमणि लेखक अवार्ड (पंजाब सरकार) मिला। सन 1980 में एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन का लोटस अवार्ड, 1983 में सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड और 1998 में पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया गया।
उपराज्यपाल की ओर से नियुक्त भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के प्रमुख मुकेश कुमार मीणा के दफ्तर आने और कामकाज में दखल पर रोक लगाने की दिल्ली सरकार की मांग पर हाईकोर्ट ने कोई आदेश जारी नहीं किया है। हाईकोर्ट ने कहा कि मीणा कानून के मुताबिक काम करते रहेंगे।
दिल्ली के एंटी करप्शन ब्यूरो पर कब्जे की जंग तेज होती जा रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से नियुक्त एसीबी के चीफ एमके मीणा को दिल्ली सरकार ने यह कहते हुए चार्ज लेने से रोक दिया कि एसीबी में संयुक्त आयुक्त का कोई पद नहीं और एसीबी में पहले से एक प्रमुख मौजूद है। दिल्ली सरकार ने एसीबी में मीणा की नियुक्ति का आदेश जारी करने वाले राज्य के गृह सचिव धर्म पाल को भी हटाने का फैसला किया है। हालांकि, उपराज्यपाल नजीब जंग ने गृह सचिव को हटाने से इन्कार कर दिया है जबकि एमके मीणा का कहना है कि वह एसीबी प्रमुख का चार्ज ले चुके हैं। इस बीच, दिल्ली सरकार ने एसीबी में मीणा की नियुक्ति के आदेश को भी गृह विभाग से रद्द करवा दिया है।
रूसी मूल की पत्रकार मारिया गोलावनीनी पाकिस्तान में अपने घर में मृत पाई गईं। मारिया पाकिस्तान में रॉयटर्स की ब्यूरो चीफ थीं। पूछताछ के लिए पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। पाकिस्तान के साथ-साथ वह अफगानिस्तान की खबरों पर भी नजर रखती थीं।