किसानों की खुदकुशी के मुद्दे पर कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के एक जवाब ने हंगामा खड़ा कर दिया है। कृषि मंत्री की मानें तो हर साल हजारों किसान प्रेम संबंध और नामर्दी जैसी वजहों से खुदकुशी कर रहे हैं।
वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों से जुड़े नरोदा पटिया मामले में आज एक नया मोड़ आया। मामले में अपील की सुनवाई कर रही गुजरात हाईकोर्ट की दो सदस्य बैंच के जजों ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है। जजों ने कहा है कि आरोपियों में से कुछ ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की थी।
अप्रैल में जंतर-मंतर पर आयोजित आम आदमी की पार्टी की रैली में कथित तौर पर फांसी लगा लेने वाले राजस्थान के किसान को शहीद का दर्जा दिए जाने के दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल के फैसले पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप सरकार से जवाब-तलब किया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के दाबूमाजरा गांव पहुंचकर पिछले हफ्ते आत्महत्या करने वाले किसान सुरजीत के परिजनों से मुलाकात की। किसान सुरजीत ने पिछले हफ्ते कर्ज के बोझ के कारण सल्फास की गोली खाकर आत्महत्या कर ली थी।
विकास के तमाम दावों और चकाचौंध के बीच खेती और किसानी चर्चा के पाएदान पर ही रहती है। केंद्र सरकार के एक साल पूरे होने पर जहां तमाम दूसरे क्षेत्रों की सघन पड़ताल हो रही है, वहीं कृषि पर तवज्जो कम रही। वह भी तब जब पिछले तीन-चार महीने से मौसम की मार की वजह से फसल बर्बाद होने और किसानों की आत्महत्या ने देश का ध्यान बरबस ही गहराते कृषि संकट की ओर खींचा था। नरेंद्र मोदी सरकार को एक साल में किसानों की आत्महत्या, मुआवजा, भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर विपक्षी दलों ने घेरने की लगातार कोशिश की और इसी पर केंद्र सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। इन तमाम ज्वलंत सवालों और संकट से बाहर निकलने की सरकार की रणनीति पर बिहार के मोतिहारी से पांच बार से सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से बातचीत के प्रमुख अंश
मना करने के बावजूद राष्ट्रपति के मुहं से अनायास निकली बात के प्रकाशन को लेकर भारत ने स्वीडिश दैनिक से कड़ा विरोध दर्ज कराया है। स्वीडन में भारतीय राजदूत के जरिए बोफोर्स सौदे से जुड़ी बातों को छपने से रोकने की कोशिश की गई थी, लेकिन अखबार ने इसे नजरअंदाज किया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों की समस्याएं सामने लाने के लिए शुक्रवार को आदिलाबाद जिले के कोरीतिकल गांव से 15 किमी की पदयात्रा की शुरू कर दी है। कृषि संकट के चलते इस गांव में बड़ी संख्या में किसानों ने आत्महत्या की है।