Advertisement

Search Result : "आत्‍महत्‍या"

'प्रेम प्रसंग, नामर्दी' किसान आत्महत्या के कारण: राधामोहन

'प्रेम प्रसंग, नामर्दी' किसान आत्महत्या के कारण: राधामोहन

किसानों की खुदकुशी के मुद्दे पर कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के एक जवाब ने हंगामा खड़ा कर दिया है। कृषि मंत्री की मानें तो हर साल हजारों किसान प्रेम संबंध और नामर्दी जैसी वजहों से खुदकुशी कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री की चीन यात्रा का रणनीतिक महत्‍व

प्रधानमंत्री की चीन यात्रा का रणनीतिक महत्‍व

किसी भी दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया चीन यात्रा सफल कही जाएगी। इसमें भारतीय इनफ्रॉस्टक्चर क्षेत्र में 10 अरब डॉलर के चीनी निवेश 22 अरब डॉलर के व्यापार समझौतों सहित कई समझौते किए गए।
भू-अधिग्रहण के खिलाफ खुदकुशी पर आमादा एक और 'गजेंद्र'

भू-अधिग्रहण के खिलाफ खुदकुशी पर आमादा एक और 'गजेंद्र'

केंद्र व राज्‍यों की भाजपा सरकारों के खिलाफ भू-अधिग्रहण को लेकर किसानों का असंतोष बढ़ता जा रहा है। मोदी सरकार की भूमि अधिग्रहण्‍ा नीति को सबसे पहले लागू करने वाले राजस्‍थान में अजमेर हवाई अड्डे के लिए हुए भू-अधिग्रहण के खिलाफ किसान आंदोलन पर उतारू हैं। गुरुवार को रूप सिंह नाम का एक किसान विस्‍थापन और पूरा मुआवजा न मिलने के विरोध में पानी की टंकी पर जा चढ़ा और जान देने की धमकी देने लगा।
11 महीने बाद स्‍मार्ट सिटी मिशन को कैबिनेट की मंजूरी

11 महीने बाद स्‍मार्ट सिटी मिशन को कैबिनेट की मंजूरी

मोदी की पंसदीदा स्‍मार्ट सिटी योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिलने में ही 11 महीने का समय लग गया। इस बीच, केंद्र सरकार ने जेएनएनयूआरएम के दूसरे चरण की योजना से नेहरू का नाम हटा दिया है।
किसान की मौत और व्यवस्था का तिलिस्म

किसान की मौत और व्यवस्था का तिलिस्म

23 अप्रैल 2015 को दौसा के गजेंद्र सिंह के रूप में देश के हाहाकार ने जंतर-मंतर पर दम तोड़ दिया। उसकी चीखती खामोशी को सत्‍ता और मीडिया की धडक़नों में एक और हाहाकार के रूप में धड़कना चाहिए था।
गजेंद्र ने सत्ता, सिस्टम और राजनीति का मुंह नोंच लिया !

गजेंद्र ने सत्ता, सिस्टम और राजनीति का मुंह नोंच लिया !

ये आंकड़ा हर किसी को पता है कि इस देश में 1995 से अब तक साढ़े तीन लाख किसानों-खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। दैनिक औसत निकालें तो 50 लोग हर रोज जान दे रहे हैं। 20 साल में देश की सत्ता और सिस्टम इन मौतों के जिम्मेदारों की शिनाख्त नहीं कर पा रही है। चूंकि, शिनाख्त नहीं हुई इसलिए आगे की कार्रवाई की भी जरूरत नहीं। एक खेल चल रहा है जिसमें राजनीतिक दल एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं। उनका ध्यान समस्या ओर उसके समाधान पर नहीं है, बल्कि खुद को दूसरों से उजला, ईमानदार और संवेदनशील दिखाने पर है। ऐसे में कोई गजेंद्र मरे तो मरता रहे, उनकी बला से।
किसानों पर दोहरी मार, इस साल भी कमजोर मानसून की आशंका

किसानों पर दोहरी मार, इस साल भी कमजोर मानसून की आशंका

नई दिल्‍ली। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार झेल रहे किसानों पर इस साल दोहरी मार पड़ने जा रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस साल मानसून सामान्‍य से 7 फीसदी कम रहेगा। मानसून पर अल नीनो का खतरा मंडरा रहा है, जिसके चलते बारिश का इंतजार लंबा खिंच सकता है। गौरतलब है कि पिछले साल भी मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान देश में सामान्‍य से 12 फीसदी कम बारिश हुई थी। गौरतलब है कि भारत में 70 फीसदी बारिश मानसून सीजन के दौरान पड़ती है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement