कांग्रेस ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला है। इस कांग्रेस का निशाना सूबे की कानून-व्यवस्था को लेकर है, जो दिन पर दिन अपराधों को बढ़ावा दे रही है।
आज आधी से लागू होने वाले देश के बड़े आर्थिक सुधार जीएसटी प्रणाली को लेकर समाजवादी पार्टी अपना रुख स्पष्ट नहीं कर पा रही है। जीएसटी लागू होने में महज कुछ ही घंटे बचे और सपा अभी भी य सोच नहीं पा रही है कि वे इसका समर्थन करें या विरोध।
एक ओर यूपी की योगी सरकार भले ही अपने 100 दिन पूरे करने पर संतुष्टि जता रही है, लेकिन उनके इस संतोष पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने निराशा व्यक्त करते हुए भाजपा सरकार को 100 में से शून्य अंक दिए हैं।
सौ दिन पूरे पर समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार को उत्तर प्रदेश की जनता के लिए अभिशाप बताया है। सपा का कहना है कि भाजपा सरकार लोगों में घृणा और जाति, धर्म व समुदायों में भेदभाव फैलाने का काम करती है। वहीं बसपा व कांग्रेस ने भी सरकार को कानून व्यवस्था के मा्मले में नाकारा करार दिया है।
कई राज्यों में किसान आंदोलन चल रहा है। किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसी के मद्देनजर मार्क्सवाद कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर संसद के मानसून सत्र में किसानों के लिए कानून बनाने की मांग की है।
कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष के हमले झेल रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर उसके ही विधायक ने हमला बोला है। बलरामपुर सदर के विधायक पल्टु राम ने पुलिस पर अपराधियों को शरण देने और दलितों की सुनवाई न होने का आरोप लगाया है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। उन्होंने प्रश्न करते हुए कहा कि भाजपा ने चुनावी वादे क्या सरकार बनाने के लिए ही किए थे।
यूपी की राजधानी लखनऊ में रेप का एक और मामला सामने आने से अपराध का ग्राफ और बढ़ गया है। लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडीकल कॉलेज में तीन लोगों ने एक महिला के साथ गैंग रेप की वारदात को अंजाम दिया है। सीएम योगी के यूपी में जिस तरह लगातार अपराध बढ़ रहे हैं, उससे कानून व्यवस्था पर सवाल जरूर खड़े होते दिख रहे हैं।
आरबीआई ने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि मोबाइल नंबर की तरह अब बैंक अकाउंट पोर्टेबिलिटी भी शुरू की जा सकती है। नोटबंदी के बाद इसे दूसरे सबसे बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।