दिल्ली विधानसभा में ईवीएम को लेकर आप विधायक सौरभ भारद्वाज के डेमो की चर्चा हर तरफ हो रही है। सौरभ भारद्वाज ने दिखाया कि किस तरह ईवीएम जैसी मशीन में गड़बड़ी हो सकती है।
विशाल भारद्वाज बड़े कैनवास पर फिल्म रंगून ले कर आए हैं। ओमकारा, मकबूल, हैदर बनाने वाले निर्देशक इतनी बड़ी चूक कर सकते हैं यकीन करना थोड़ा मुश्किल है। दुखांत अंत उनकी फिल्मों का स्थाई भाव रहता है जो यहां भी है। लेकिन ओमकारा या मकबूल में यह दर्शकों को सिहरा देता था और यहां दर्शक राहत की सांस लेते हैं कि चलो फिल्म अब खत्म होगी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पंजाब में सरकार की निष्क्रियता और पराली जलाने के चलन को नरसंहार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आज कहा कि भयानक प्रदूषण स्तर दिल्लीवासियों के लिए वस्तुत: मौत की सजा है जिसकी वजह से उनके जीवन के तीन साल कम किए जा रहे हैं।
राशन कार्ड बनवाने के नाम पर नशीला पदार्थ खिलाकर महिला के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री संदीप कुमार की तुलना महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू से करने वाले आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष के खिलाफ मुंबई में शिकायत दर्ज कराई गई है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज सीडी में एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थित में नजर आने वाले मंत्री संदीप कुमार को निलंबित कर दिया। उन्हें महिला एवं बाल विकास मंत्री पद से पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है।
हाथ में ढफली, काले कुर्ते और जगह-जगह नुक्कड़ नाटक। यह तो साफ तौर पर वामपंथियों की पहचान है। इन नाटकों में सामाजिक मुद्दों पर करारा व्यंग्य होता है। यह नुक्कड़ नाटक अभी होंगे बस अंतर इतना है कि अब राष्ट्रवाद या केसरिया में यकीन रखने वाले लोग इससे जुड़ेंगे।
दिल्ली में 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किए जाने का मुद्दा आम आदमी पार्टी की सरकार के लिए गले की फांस बन गया है। एक ओर जहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस बारे में दिल्ली सरकार द्वारा पारित करवाए गए विधेयक पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया है वहीं आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के मामले पर आक्रामक रूख जारी रखते हुए आप के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलकर मांग की कि उन्हें प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी की बीए डिग्री के रिकॉर्ड का निरीक्षण करने दिया जाए लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटा दिया गया।
जेएनयू प्रशासन ने 9 फरवरी को विश्वविद्यालय परिसर में हुए एक विवादास्पद कार्यक्रम के मामले में कार्रवाई करते हुए उमर खालिद और दो अन्य छात्रों को अलग-अलग अवधि के लिए निष्कासित कर दिया और कन्हैया कुमार पर 10,000 रूपये का जुर्माना लगाया है।