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शिवसेना: एक कागजी शेर के 50 साल!

शिवसेना: एक कागजी शेर के 50 साल!

1985 तक शिवसेना केवल मुंबई तक ही सीमित थी। महाराष्ट्र में इसके प्रसार का श्रेय छगन भुजबल को जाता है। शरद पवार 1986 में अपने कांग्रेस विरोधी समूह को सकते में छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। उस वजह से बने खाली स्थान को शिवसेना ने भरा। आज भी मुंबई की शिवसेना और बाकी महाराष्ट्र की शिवसेना में अंतर है।
साल अंत तक बनेगी निर्वासन में सरकार: उल्फा प्रमुख

साल अंत तक बनेगी निर्वासन में सरकार: उल्फा प्रमुख

एक चौथाई शताब्दी से भी ज्यादा समय से परेश बरुआ भारतीय सेना और पुलिस को चकमा देकर बचते आ रहे हैं। यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ वेस्ट साउथ ईस्ट एशिया (युएनएलएफडब्ल्यूएसइए) के गठन में प्रमुख भूमिका निभानेवाले और अभी के समय भारतीय सेना के विरुद्ध आक्रामक रुख रखे हुए प्रतिबंधित संगठन उल्फा के सेनापति बरुआ का एनएससीएन(के) के अध्यक्ष एस.एस. खापलांग से घनिष्ठ संबंध है।
मुआवजा दूर 37 साल से जानकारी तक नहीं मिली

मुआवजा दूर 37 साल से जानकारी तक नहीं मिली

दिल्‍ली में 77 साल का एक बुजुर्ग 37 साल ली गई जमीन के मुआवजे के लिए भटक रहा है। मुआवजा तो दूर उसे इसकी जानकारी हासिल करने के लिए भी केंद्रीय सूचना आयोग से गुहार लगानी पड़ी।
पत्र लिखकर नरेंद्र मोदी ने गिनाई एक साल की उपलब्धियां

पत्र लिखकर नरेंद्र मोदी ने गिनाई एक साल की उपलब्धियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के एक साल पूरा होने पर पत्र लिखकर उपलब्धियां गिनवाई है। देश के प्रमुख समाचार पत्रों में छपे पत्र में प्रधानमंत्री ने देश को आगे ले जाने और विकास से जुड़े कई बिन्दुओं के बारे में चर्चा की है।
मेगा शो: '365 अच्‍छे दिन' बनाम 'मफलरमैन के 100 दिन'

मेगा शो: '365 अच्‍छे दिन' बनाम 'मफलरमैन के 100 दिन'

बड़े-बड़े दावों और उम्‍मीदों के साथ सत्‍ता में आई मोदी और केजरीवाल की सरकार के लिए आज अपनी-अपनी कामयाबी गिनाने का दिन है। मोदी मथुरा में रैली कर अपनी उपलब्धियां गिनाएंगे तो केजरीवाल ने कनॉट प्‍लेस के सेंट्रल पार्क में जनसभा बुलाई है।
जिन्‍होंने देश काे लूटा, उनके अच्‍छे दिन नहीं: मोदी

जिन्‍होंने देश काे लूटा, उनके अच्‍छे दिन नहीं: मोदी

अपने एक साल के काम का हिसाब देते हुए नरेंद्र मोदी ने काहा कि जिन्‍होंने देश को लूटा है, जिनके बुरे दिन आए हैं, वही हल्ला कर रहे हैं। उनकी सरकार ने 365 दिनों में इतने काम किए हैं कि गिनाने जाएं तो 365 घंटे भी कम पड़ जाएंगे।
बार-बार टूटकर आखिरकार इस साल बन जाएगा प्रियंका गांधी का आशियाना

बार-बार टूटकर आखिरकार इस साल बन जाएगा प्रियंका गांधी का आशियाना

घर की खूबसूरती के संदर्भ में कहा जाता है कि गांधी परिवार को सादगी और सुंदरता बहुत पसंद है। खासकर बन रहे घर में इस परिवार को जरा सी भी कमीपेशी पसंद नहीं। शायद यही वजह है कि शिमला के करीब छराबड़ा में प्रियंका गांधी वाड्रा का वर्षों से बन रहा आशियाना अभी तक पूरा नहीं हो पाया। उसे कई दफा गिराकर दोबारा बनाया गया है। सत्ता में रहते व्यस्तताओं के चलते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी बेटी के निर्माणाधीन घर की ओर ध्यान नहीं दे पाईं। लेकिन अब उम्मीद है कि यह घर इस वर्ष बनकर तैयार हो जाएगा। कांग्रेस विपक्ष में है, इसलिए सोनिया गांधी अपनी बेटी प्रियंका वाड्रा का बन रहा यह मकान देखने और इसका जायजा लेने का समय निकाल पाई हैं। वह कुछ दिनों के लिए निजी दौरे पर शिमला होकर आई हैं। प्रियंका के निर्माणाधीन आशियाने का जायजा लेने के बाद दो मंजिला इस मकान में आंशिक बदलाव के निर्देश दिए गए हैं। उनके साथ दिल्ली से एक अर्किटेक्ट भी आया था। सूत्रों के अनुसार प्रियंका इसी साल अपने आशियाने को तैयार करना चाहती हैं।
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