नगर निकायों के चुनाव नतीजों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति ने जबर्दस्त करवट बदली है। अब 'टाइगर' किस करवट बैठेगा, इस पर कयासों का दौर जारी है। फिलहाल राज्य की देवेंद्र फडनवीस की सरकार पर एक तलवार तो लटक ही गई है।
मुंबई सहित महाराष्ट्र के दूसरे शहरों में निकाय चुनाव के प्रचार के दौरान सहयोगी दलों भाजपा एवं शिवसेना के बीच कटुता साफ साफ दिख रही है जिससे नगर निगम से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे पीछे छूट गए हैं। चुनाव में एक हफ्ते से भी कम समय बचा है और यह राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली पहली सरकार का नेतृत्व कर रहेे देवेंद्र फडणवीस एवं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है।
केंद्र सरकार, राज्य सरकार और नगर निगमों की सत्ता को पूरी तरह असफल बताते हुए स्वराज इंडिया ने रामलीला मैदान से तीनों नगर निगमों की सभी 272 वार्डों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया।
बीएमसी चुनाव के लिए गठबंधन के महाराष्ट्र नवनिर्माण पार्टी के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद जले पर नमक छिड़कते हुए शिवसेना ने राज ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी से कहा कि वह मराठी मानूस की भलाई के लिए बिना शर्त समर्थन दे और चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे।
18 दिसंबर को चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों में इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ के आरोपों पर मंगलवार को नगर निगम, डीसी व अन्य प्रतिवादियों ने जवाब के लिए समय दिए जाने की मांग की। इस पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले पर 20 मार्च के लिए अगली सुनवाई तय की है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया कि नगर निगम चुनावों में उनकी पार्टी भाजपा का साथ छोड़कर अकेले उतरेगी लेकिन इस बारे में कुछ नहीं बताया कि राजग सरकार में उनका दल गठबंधन सहयोगी बना रहेगा या नहीं। ठाकरे ने कहा कि निगम के आगामी चुनाव जल्लीकट्टू से कम नहीं हैं जहां एक सांड़ को हमेशा के लिए काबू में करना जरूरी है।
मध्य प्रदेश के इंदौर में आबकारी विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो कंटेनर में 3600 पेटी शराब जब्त की। शराब हरियाणा से भरकर इंदौर के जरिए गुजरात भेजी जा रही थी। जब्त की गई शराब की कीमत करीब चार करोड़ रुपए आंकी जा रही है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने फरीदाबाद नगर निगम में भाजपा को मिली जीत को नोटबंदी के फैसले पर जनता की मुहर करार दिया और कहा कि यह ऐतिहासिक विजय भाजपा की विकासोन्मुखी नीतियों तथा सबका साथ, सबका विकास की विचारधारा की जीत है।
मध्य प्रदेश के चर्चित 750 करोड़ रुपये के कर्ज घोटाले में जिसमें राज्य उद्योग विकास निगम की तरफ से कई फर्जी कंपनियों को कर्ज दिया गया था, की जांच में ईओडब्ल्यू ने दिग्विजय को 16 जनवरी को तलब किया है।