कश्मीर घाटी में तनाव को रोकने के लिए इंटरनेट सेंवाएं बंद कर दी गई है। बताया जा रहा है कि मोबाइल इंटरनेट सेवा के सस्पेंड किए जाने के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं में भारी कमी आई है।
एअर इंडिया की फ्लाइट में देरी करवाने पर अब यात्री को 15 लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। एयर इंडिया के कर्मचारियों से झगड़ा करना या फिर किसी खास सीट को पाने के लिए बवाल करना उपद्रवी यात्रियों को महंगा पड़ सकता है। इस बारे में एअर इंडिया ने प्रस्ताव तैयार कर लिय़ा है और इसे लागू करने के बारे में कानूनी सलाह ली जा रही है।
पूरे देश में और खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की मजबूती पर जोर देते हुए सरकार ने आज कहा कि देश में 76 हजार ग्राम पंचायतों तक आॉप्टिकल फाइबर केबल बिछ चुकी है और दिसंबर 2018 तक देश की सभी ढाई लाख ग्राम पंचायतों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
नोटबंदी का निर्णय लेने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी कैशलेस सिस्टम की जोरदार ढंग से वकालत कर रहे हैं। लेकिन इंटरनेट सेवा को बंद करने या बाधा पहुंचने से पीएम मोदी की यह सोच कारगर ढंग से सफल नहीं हाेे सकती। बिना इंटरनेट के आप कैशलेस सोसायटी की कल्पना तक नहीं कर सकते। 2014 के बाद देश के विभिन्न इलाकों में 250 दिन इंटरनेट सेवा बाधित रही। इस साल करीब 200 दिन मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी में परेशानी आई। पिछले साल करीब 30 दिन इंटरनेट सेवा ठप्प रही।
वायुसेना की ओर से लापरवाही और संचार के अभाव का आरोप लगाते हुए फ्लाइट लेफ्टिनेंट कुणाल बारपत्ते के माता-पिता ने आज कहा कि वायुसेना ने तलाश अभियानों के बारे में सटीक स्थिति की सूचना नहीं दी है।
आने वाले समय में इंटरनेट के सर्च इंजन लोगों की जान बचाने में भी मदद कर सकते हैंं क्योंकि वैैज्ञानिक एक एेसा तरीका विकसित कर रहे हैं, जिससे उन प्रयोगकर्ताओं की पहचान प्रभावी ढंग से की जा सकती है, जिनके द्वारा आत्महत्या कर लिए जाने का खतरा है। इन सर्च इंजनों के जरिए उन्हें यह जानकारी दी जाएगी कि उन्हें कहां से मदद मिल सकती है।
पुराने लेखकों और कवियों की अच्छी तस्वीरें इंटरनेट पर शायद ही मिलती हैं। ऐसी स्थिति का सामना हम में से ज्यादातर लोग करते तो हैं लेकिन इस स्थिति का हल नहीं निकाल पाते हैं। ऐसे में एक कलाकार कई तरह के कला माध्यमों का सहारा लेकर पूराने लेखकों-कवियों की पहचान को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहा है।
अस्तित्व में आने के 90 सालों के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपनी छवि में बदलाव करने का निर्णय लिया है। इसके तहत संघ के बारे में लोगों के विचार में बदलाव करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पारंपरिक रूप से लोगों को खुद से जोड़ने के साथ-साथ अब आधुनिक दौर के अनुसार हाईटेक होता जा रहा है। इसके तहत संघ अपनी वेबसाइट के माध्यम से अपनी पहुंच को व्यापक करने के साथ आईटी पेशेवरों तथा शहरों में रहने वाले युवाओं को भी स्वयं से जोड़ रहा है।
अब समय आ गया है कि इस्लाम के ऐसे विचार और उनके अनुसरण को रोका जाए, जो धर्म के नाम पर हिंसा और मारकाट को बढ़ावा दे रहे हैं। कटटरपंथी बनने की बजाए मुस्लिम युवाओं को ऐसी शिक्षा दी जाए ताकि उनके मन में एक अच्छे और उदार मुस्लिम बनने की भावना पैदा हो। यह काम अभिभावक, शिक्षक और मुस्लिम विद़वान मिल-जुलकर कर सकते हैं। मुस्लिम अभिभावक अपने बच्चों के मानसिक विकास पर ध्यान दें।