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Search Result : "इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी व्यवस्था"

दादरी में धारा 144 लागू, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एलर्ट जारी

दादरी में धारा 144 लागू, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एलर्ट जारी

दादरी के बिसाहड़ा गांव में गोहत्या की अफवाह के बाद एक व्यक्ति की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राजनीतिक दलों के नुमाइंदों के दादरी पहुंचने से जहां कानून-व्यवस्था पर असर पड़ रहा है वहीं इसको लेकर सियासत गरम हो गई है। मामले की गंभीरता और लोगों को उग्र होते देख प्रशासन ने धारा 144 लगा दिया है। बताया जा रहा है कि एसडीएम ने पीड़ित को धमकाया भी है।
आईटी मंत्रालय में भी मान्यता प्राप्त पत्रकारों के घुसने पर प्रतिबंध

आईटी मंत्रालय में भी मान्यता प्राप्त पत्रकारों के घुसने पर प्रतिबंध

नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से पत्रकारों को रक्षा, गृह, विदेश, वित्त मंत्रालय के बाद अब संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन में भी जाने पर मौखिक आदेश के जरिये प्रतिबंध लगा दिया गया है। पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी इन मंत्रालयों में जाने पर सुरक्षाकर्मी तभी अंदर जाने देते हैं जब अधिकारी चाहें।
व्यापमं एक्सक्लूसिव - इलेक्ट्रॉनिक सबूत से पकड़े जाएंगे चोर

व्यापमं एक्सक्लूसिव - इलेक्ट्रॉनिक सबूत से पकड़े जाएंगे चोर

पचास से अधिक मौतों और 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक के इस घोटाले की जांच करना सीबीआई के सामने भी एक कड़ी चुनौती साबित होगी। साक्ष्यों की जांच, प्रमाणिकता के साथ-साथ, सत्ता के शीर्ष की भूमिका को किस तरह से जांच के दायरे में लेगी सीबीआई, इसी पर टिकी हैं, सबकी निगाहें
अब आ गया एम-गवर्नेंस का जमाना

अब आ गया एम-गवर्नेंस का जमाना

इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी और स्मार्ट फोन के इर्द-गिर्द ही सिमट चुकी है पूरी युवा आबादी। इसी आबादी के बीच ई-गवर्नेंस और ई-कॉमर्स ने गहरी पैठ बना ली है। भारत में फिलहाल 63 प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल फोन आ गए हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में हर महीने 30 प्रतिशत मोबाइल उपभोक्ता बढ़ते जा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर देखें तो भारत स्मार्टफोन का दूसरा बड़ा बाजार बन गया है। नेटवर्किंग समाधान कंपनी सिस्को का अध्ययन बताता है कि अगले चार साल में यहां 65 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन उपभोक्ता हो जाएंगे।
व्यवस्था की विकलांगता ही चुनौतीः केदार

व्यवस्था की विकलांगता ही चुनौतीः केदार

जब वह मेरे दफ्तर मिलने के लिए आए तो अचानक ही लगा कि मेरा दफ्तर भी विकलांग व्यक्ति के लिए कितना असुविधाजनक है। वह हथेलियों में हवाई चप्पल पहने हुए पूरी सहजता और जबर्दस्त आत्मविश्वास के साथ दफ्तर में आ चुके थे। तकरीबन लपकते हुए वह कुर्सी की ओर बढ़े।
किसान की मौत और व्यवस्था का तिलिस्म

किसान की मौत और व्यवस्था का तिलिस्म

23 अप्रैल 2015 को दौसा के गजेंद्र सिंह के रूप में देश के हाहाकार ने जंतर-मंतर पर दम तोड़ दिया। उसकी चीखती खामोशी को सत्‍ता और मीडिया की धडक़नों में एक और हाहाकार के रूप में धड़कना चाहिए था।
वर्ण व्यवस्था में व्यापारियों को तवज्जो नहीं: यशवंत सिन्हा

वर्ण व्यवस्था में व्यापारियों को तवज्जो नहीं: यशवंत सिन्हा

पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का कहना है कि भारत में व्यापार की पुरानी और लंबी परंपरा रही है लेकिन हमारी वर्ण व्यवस्था में व्यापारियों को ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई। कल यहां एक संस्थान के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हड़प्पा काल से हम व्यापार कर रहे हैं, लेकिन हमारी वर्ण व्यवस्था में व्यापार करने वालों -वैश्यों को काफी नीचे रखा गया है। उन्हें शूद्रों से ठीक ऊपर तीसरे क्रम पर रखा गया है।
बजट कटौती से लड़खड़ाती सामाजिक व्यवस्था

बजट कटौती से लड़खड़ाती सामाजिक व्यवस्था

इस वर्ष केंद्रीय बजट में जब निर्धन वर्ग के कार्यक्रमों, ग्रामीण व सामाजिक क्षेत्रों में बड़ी कटौतियां की गई तो कहा गया था कि इसकी क्षतिपूर्ति राज्य सरकारों के बजट में हो जाएगी क्योंकि राज्य सरकारों को 14 वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर करों का अधिक हिस्सा आबंटित हो रहा है। पर अधिकांश राज्य सरकारों के बजट में कटौतियों की पूर्ण व पर्याप्त भरपाई का कोई आसार नजर नहीं आ रहा है। उदाहरण के लिए राजस्थान सरकार के बजट में यह स्पष्ट नजर आता है कि इन उच्च प्राथमिकता क्षेत्रों में हुई कटौतियों की पर्याप्त क्षतिपूर्ति राज्य सरकार के बजट में नहीं हो सकी है।