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पाकिस्तान को घेरते हुए परमाणु आपूर्तिकर्ताओं के एलीट क्लब में शामिल होने की जुगत

पाकिस्तान को घेरते हुए परमाणु आपूर्तिकर्ताओं के एलीट क्लब में शामिल होने की जुगत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच देशों के दौरे में दो देशों के एजेंडे पर खास निगाह है। अफगानिस्तान और स्वीट्जरलैंड। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो ऐसी गतिविधियां हैं, जो भारतीय विदेश नीति को नया मोड़ देंगी। एक ओर, पाकिस्तान की तालिबान समर्थक विदेशी नीति को चोट पहुंचाने की कवायद है। ईरान से होकर अंतरराष्ट्रीय परिवहन गलियारा विकसित करने के भारत के एजेंडे में अफगानिस्तान और करीब आया है। दूसरी ओर, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता की कवायद है, जिससे भारत दुनिया के एलीट देशों के क्लब में शुमार हो जाएगा।
वर्षगांठ के विज्ञापनों पर 100 करोड़ खर्च कर रही मोदी सरकार

वर्षगांठ के विज्ञापनों पर 100 करोड़ खर्च कर रही मोदी सरकार

नरेंद्र मोदी सरकार की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर सरकारी योजनाओं का महिमामंडन करने के लिए सरकार 100 करोड़ रुपया खर्च कर रही है। ऑडियो-विजुअल पब्लिसिटी निदे्शालय के सूत्रों ने एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र को बताया कि सरकार 85 करोड़ रुपये रेडियो और टेलिविजन के लिए जबकि 18 करोड़ रुपये समाचार पत्रों को विज्ञापन देने के लिए खर्च कर रही है।
ईरान से भारत के मजबूत होते संबंधों पर अमेरिका की गहरी निगाह

ईरान से भारत के मजबूत होते संबंधों पर अमेरिका की गहरी निगाह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा से भारत-ईरान के मजबूत होते रिश्तों पर अमेरिका बेहद करीब से नजर रख रहा है। चाबहार बंदरगाह के लिए 50 करोड़ डॉलर निवेश की भारत की घोषणा को लेकर ओबामा सरकार ने सांसदों से कहा है कि अमेरिका ईरान के साथ भारत के बढ़ते रिश्तों पर बहुत करीब से निगाह रख रहा है और देखेगा कि क्या इसके कानूनी पहलु और जरूरतें पूरी की गई हैं या नहीं।
चाबहार समझौता आतंक के खिलाफ उत्तम रणनीति

चाबहार समझौता आतंक के खिलाफ उत्तम रणनीति

विश्व के अनेक देश आतंकवाद को लेकर गंभीर तो दिख रहे हैं लेकिन इन आतंकी संगठनों का मुकाबला कैसे किया जाए इस पर सहमति नहीं बन पा रही है। दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका को ही ले लें। वह एक ओर तो आतंकवाद से लड़ने की बात करता है और दूसरी ओर लगातार आतंकवादियों को बढ़ावा देने वाले देशों का समर्थन करता है।
भारत, ईरान के बीच चाबहार पोर्ट समेत कई समझौतों पर दस्तखत

भारत, ईरान के बीच चाबहार पोर्ट समेत कई समझौतों पर दस्तखत

पीएम नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा के दूसरे दिन सोमवार को दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर दस्तखत हुए। इनमें रणनीतिक तौर पर बेहद अहम चाबहार बंदरगाह को लेकर हुआ समझौता भी शामिल है। दोनों देश कट्टरपंथ और आतंकवाद से लड़ने में सहयोग पर भी सहमत हुए।
'पाकिस्तान को साधने के काम आएगा ईरान'

'पाकिस्तान को साधने के काम आएगा ईरान'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ईरान दौरे से बहुत उम्मीदें हैं। इस यात्रा को अतिमहत्वपूर्ण यात्रा के मद्देनजर देखा जाना चाहिए। इस दौरान उद्योग, व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी कई संभावनाओं पर विचार और समझौते होने की उम्मीद है। ये समझौते भारत और ईरान को और करीब लाएंगे।
ईरान पहुंचे मोदी: चाबहार बंदरगाह, उर्जा करार यात्रा का मुख्य एजेंडा

ईरान पहुंचे मोदी: चाबहार बंदरगाह, उर्जा करार यात्रा का मुख्य एजेंडा

ईरान के साथ व्यापार, निवेश व उर्जा संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन की यात्रा पर रविवार को तेहरान पहुंचे। इस यात्रा के दौरान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ईरान के चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है।
मोदी की ईरान यात्रा से पहले आकाशवाणी का फारसी सेवा के लिए ऐप

मोदी की ईरान यात्रा से पहले आकाशवाणी का फारसी सेवा के लिए ऐप

ऑल इंडिया रेडियो के विदेश सेवा प्रभाग की फारसी सेवा एक मल्टीमीडिया वेबसाइट और मोबाइल ऐप शुरू कर रही है। यह पहल ऐसे समय में की जा रही है जब रविवार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा शुरू हो रही है।
ईरान में आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरेंगे मोदी

ईरान में आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरेंगे मोदी

ईरान जाकर आतंकवाद और कूटनीति के मोर्चे पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की योजना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की। ईरान के रास्ते अफगानिस्तान तक सीधे पैठ की योजना है। इस यात्रा में कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान और चीन को जवाब भी देने की तैयारी है। दूसरा महत्व ईरान के शिया मुस्लिम बहुल आबादी वाले देश होने के चलते है। दुनिया में ईरान के बाद सबसे ज्यादा शिया आबादी भारत में रहती है। माना जा रहा है कि मोदी के ईरान दौरे से देश में खासकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पकड़ की दृष्टि से शिया आबादी को सकारात्मक संदेश भी दिए जाने की तैयारी है।
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