Advertisement

Search Result : "उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड"

फिर आएगी सम-विषम योजना, केजरीवाल कल करेंगे एलान

फिर आएगी सम-विषम योजना, केजरीवाल कल करेंगे एलान

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सम-विषम योजना फिर शुरू हो सकती है। बताया जा रहा है कि योजना की दूसरी पारी के तारीखों की घोषणा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को कर सकते हैं।
ऐसे आएंगे संस्‍कृत के अच्‍छे दिन, समिति ने दी सिफारिशें

ऐसे आएंगे संस्‍कृत के अच्‍छे दिन, समिति ने दी सिफारिशें

संस्कृत विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के लिए विशेष अनुदान देने के साथ-साथ सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि स्‍कूलों में संस्‍कृत पढ़ाने वाले अध्यापकों को अन्य विषय पढाने वाले शिक्षकों के समान वेतन मिलना चाहिए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नियुक्त एक समिति ने इस तरह की कई सिफारिश की हैं।
दलितों और मुस्लिमों के पिछड़ेपन की अहम वजह है भेदभाव: थोराट

दलितों और मुस्लिमों के पिछड़ेपन की अहम वजह है भेदभाव: थोराट

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव थोराट ने दूसरे वर्गों के मुकाबले दलितों और मुसलमानों के शिक्षा, रोजगार एवं राजनीतिक प्रतिनिधित्व में पिछड़े होने का दावा करते हुए शनिवार को कहा कि इस पिछड़ेपन की सबसे बड़ी वजह इन दोनों समुदायों के साथ होने वाला कथित भेदभाव है।
निजी कोचिंग सेंटर शिक्षा का संगठित माफिया

निजी कोचिंग सेंटर शिक्षा का संगठित माफिया

जिसका मन करता है, वह चार कुर्सी-टेबल लगा कर कोचिंग सेंटर खोल लेता है क्योंकि हमारे देश में स्कूल खोलना मुश्किल काम है। स्कूल खोलने के लिए कई औपचारिकताएं होती हैं, जिसे हर कोई पूरा नहीं कर सकता है लेकिन निजी कोचिंग सेंटर के लिए कुछ नहीं करना होता। इसके लिए देश में कोई रेगुलेटरी बोर्ड नहीं। कोचिंग सेंटर्स शिक्षा का रैकेट और संगठित माफिया है। इनके बड़े-बड़े होर्डिंग्स, विज्ञापन छात्रों को आकर्षित करते हैं। शिक्षकों को लगता है कि स्कूल या कॉलेज में क्यों पढ़ाना? वे स्कूल-कॉलेज में वे ट्रिक्स नहीं देते जो कोचिंग सेंटर में देते हैं। कोई नहीं जानता कि देश में कितने कोचिंग इंस्टीट्यूट्स हैं, ये सालाना कितने करोड़ रुपये का कारोबार करते हैं।
आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में उच्च शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर चिंता प्रकट की मगर साथ ही साथ उन्होंने इस बात पर संतोष भी जताया कि निजी शिक्षा के क्षेत्र में फैलाव से उच्च शिक्षा तक छात्रों की पहुंच बढ़ गई है। आंकड़े दिखाते हैं कि राष्ट्रपति की दोनों ही बातों में दम है। वर्तमान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 60 फीसदी छात्र निजी संस्थानों से हैं। निजी शिक्षा के प्रसार ने ऊंची शिक्षा तक पहुंच को बढ़ा दिया है लेकिन समय-समय पर सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। संसद की एक समिति ने भी उच्च शिक्षा की दशा पर सवाल उठाए हैं और इसे दुरुस्त करने की सिफारिश की है। हालांकि शिक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2014-15 के बजट में शिक्षा के बजट को 83 हजार करोड़ रुपये से घटाकर 69 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया और इससे अगले साल के बजट में भी इसमें बढ़ोतरी नहीं की गई।
नहीं मांगी बीसीसीआई से मदद, पाकिस्तानी होने पर गर्व: कनेरिया

नहीं मांगी बीसीसीआई से मदद, पाकिस्तानी होने पर गर्व: कनेरिया

प्रतिबंधित पाकिस्तानी स्पिनर दानिश कनेरिया ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह अपने मामले को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के समक्ष उठाने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की मदद लेना चाहते थे।
चर्चाः शिक्षा के मंदिरों में राजनीति| आलोक मेहता

चर्चाः शिक्षा के मंदिरों में राजनीति| आलोक मेहता

हैदराबाद अकेला नहीं है। देश के विभिन्न भागों में शिक्षा के मंदिरों को राजनीतिक अखाड़ा बनाया जा रहा है। हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्र द्वारा की गई आत्महत्या की दुःखद घटना के बाद केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने मंत्रियों के बचाव के साथ घटना पर लीपापोती की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना को स्‍थानीय चुनावों से जोड़ा जा रहा है।
पुलिस आयुक्‍त का दावा, स्वाभाविक नहीं थी सुनंदा की मौत

पुलिस आयुक्‍त का दावा, स्वाभाविक नहीं थी सुनंदा की मौत

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत स्वाभाविक नहीं थी लेकिन उनके शरीर में कोई रेडियोधर्मी तत्व नहीं मिला है। उनके विसरा नमूनों की एफबीआई रिपोर्ट पर एम्स के मेडिकल बोर्ड के विश्लेषण के आधार पर पुलिस ने यह बात कही।
एक से ज्यादा बीवी तो यूपी में नहीं बन पाएंगे उर्दू शिक्षक

एक से ज्यादा बीवी तो यूपी में नहीं बन पाएंगे उर्दू शिक्षक

उत्तर प्रदेश में साढ़े तीन हजार उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इस संबंध में जारी शासनादेश में एक से ज्यादा शादियां करने वालों को आवेदन के लिए अयोग्य ठहराया गया है। सरकार के इस फैसले का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध करते हुए इसे मुसलमानों के शरई अधिकारों का हनन करार दिया है।
अपने लगाए पौधे की मौत पर इस स्कूल से कट जाता है नाम

अपने लगाए पौधे की मौत पर इस स्कूल से कट जाता है नाम

शिक्षा के नाम पर जकल तरह-तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के सरगूजा जिले के गांव बढ़गई में एक अनूठा स्कूल है। यहां फीस के तौर पर बच्चे के माता-पिता से एक पौधा लगवाया जाता है और उस पौधे की देखरेख का जिम्मा भी उन्ही को दिया जाता है। अगर पौधा सूख जाए या मर जाए तो स्कूल से बच्चे का नाम काट दिया जाता है।