दिल्ली उच्च न्यायालय ने बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शुरू की गई वाहनों की सम-विषम योजना में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए कहा कि योजना के तहत रोक केवल 15 जनवरी तक है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने जनता को हो रही असुविधा की बात कहते हुए दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से पूछा है कि वह सम-विषम योजना को एक सप्ताह तक के लिए सीमित क्यों नहीं कर सकती? उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से कहा, आपको यह मानना होगा कि आपके पास जनता को लाने-ले जाने के लिए पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन नहीं है।
दिल्ली में आज से लागू हुई सम-विषय योजना को लेकर लोगों में जितना उत्साह देखा जा रहा है इसके नतीजे भी उतने ही उत्साहवर्धक हैं। पहले दिन ही से दिल्ली की सड़कों पर इसका असर दिखने लगा है। लोगों में प्रदूषण कम करने को लेकर काफी जागरूकता देखी जा रही है।
दिल्ली काे प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए वाहनों को एक दिन छोड़कर चलाने की योजना को शुरुआत से ही दिल्ली की जनता का भरपूर सहयोग मिल रहा है। जनता तमाम आशंकाओं को दरकिनार करते हुए दिल्ली के लोग योजना का बढ़-चढ़कर पालन कर रहे हैं। हालांकि, असली चुनौती सोमवार से शुरू होगी जब सभी लोग छुट्टियों के बाद काम पर लौटेंगे।
दिल्ली काे प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए वाहनों को एक दिन छोड़कर चलाने का सम-विषम फार्मूला आज से लागू हो गया। प्रदूषण और ट्रैफिक जाम के खिलाफ यह सरकार के साथ-साथ आम जनता की भी अग्निपरीक्षा है, जिसमें दिल्ली पास होती नजर आ रही है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने आज दिल्ली सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि महिलाओं और दोपहिया चालकों को शुक्रवार से प्रभावी होने वाली सम-विषम योजना से छूट क्यों दी गई है। हाईकोर्ट ने वकीलों को नियम से छूट देने से भी इंकार कर दिया है।
सरकार ने देश में रेलवे के विकास एवं विस्तार के लिए पांच वर्षों में 8.56 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। इस बारे में निवेश योजनाओं में बजटीय संसाधनों एवं आंतरिक सृजन के अलावा संस्थागत वित्त पोषण, सर्वजनिक निजी भागीदारी और ऋण आदि के जरिये वित्त व्यवस्था करना शामिल है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रदूषण कम करने के लिए एक जनवरी से सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या सीमित करने की आप सरकार की सम-विषम योजना के खिलाफ दायर जनहित याचिकाओं पर आज कोई भी अंतरिम आदेश जारी करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि ऐसा करना जल्दबाजी होगी।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय शुरू की गई अंत्योदय अन्न योजना बंद होने से फिलहाल बच गई है। केंद्र सरकार के खाद्य मंत्रालय ने उस विवादित आदेश को बदल दिया जिसके तहत नए अंत्योदय कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी गई थी। सरकार के इस कदम को अंत्योदय योजना को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की कोशिश माना जा रहा था और कई सामाजिक संगठनों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी।