उत्तराखंड में घरेलू और व्यवसायिक दोनों श्रेणियों में बिजली की दरों में करीब पांच फीसदी की वृद्धि होने से प्रदेश के उपभोक्ताओं को अब ज्यादा बिल चुकाना होगा।
केंद्र सरकार ने आज से उत्तराखंड के खर्च के प्राधिकार को लेकर एक अध्यादेश जारी किया, जहां राष्ट्रपति शासन लागू है। उत्तराखंड विनियोग (लेखानुदान) अध्यादेश 2016 को कल राष्ट्रपति ने लागू किया था। कांग्रेस पार्टी ने अध्यादेश को असंवैधानिक करार देते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है।
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के मुद्दे पर अपने सहयोगी दल भाजपा की कड़ी आलोचना करते हुए शिवसेना ने कहा कि भाजपा ने नैतिकता के नाम पर लोकतंत्र का गला घोंट दिया है।
29 मार्च को जब उत्तराखंड हाईकोर्ट की एक सदस्यीय पीठ ने राज्य विधानसभा में शक्ति परीक्षण का निर्देश दिया था तो कांग्रेस को राहत महसूस हुई थी भले ही नौ बागी विधायकों को भी वोट का अधिकार दे दिया गया था मगर एक दिन बाद उसी हाईकोर्ट में दो सदस्यीय पीठ ने पिछले आदेश पर जब रोक लगा दी तो खुशी का मौका केंद्र सरकार के लिए था जिसका कहना था कि राष्ट्रपति शासन और विधानसभा निलंबित होने की स्थिति में कैसे विधानसभा के पटल पर शक्ति परीक्षण का निर्देश दिया जा सकता है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में चल रहे सियासी घमासान को नया मोड़ दे दिया है। राज्य में लागू राष्ट्रपति शासन के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने निर्देश दिया है कि बहुमत का परीक्षण सदन के पटल पर किया जाए।
वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष हमला करते हुए कहा है कि अपने नेतृत्व की समस्याओं के चलते कांग्रेस उतार पर है। साथ ही जेटली ने कांग्रेस की तुलना पुराने पड़ चुके कार निर्माता से की जो एकाधिकार की वजह से पहले जमा हुआ था लेकिन अब नहीं है।
कांग्रेस के पतन का कारण खोजने के लिए ए.के. एंटनी कमेटी की रिपोर्ट के अध्ययन की जरूरत नहीं पड़ेगी और न ही केवल भाजपा, वामपंथी दल या क्षेत्रीय दलों को दोषी ठहराया जा सकता है। अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड का विद्रोह ताजा प्रमाण है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व योग्यता पर आधारित नहीं है और यह बात उसके कामकाज में साफ तौर पर परिलक्षित होती है। जेटली ने उत्तराखंड में जारी राजनीतिक संकट पर पीटीआई-भाषा से कहा कि यह कांग्रेस की आंतरिक समस्या है।
उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार के बागी नौ कांग्रेसी विधायकों को राज्य विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल द्वारा विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के लिए जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल करने की समयसीमा के आज शाम समाप्त हो जाने के बाद सभी निगाहें विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय पर टिक गई हैं।