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Search Result : "उदित नारायण"

दलितों को निजी क्षेत्र और पदोन्नति में आरक्षण के लिए आंदोलन करेंगे उदित राज

दलितों को निजी क्षेत्र और पदोन्नति में आरक्षण के लिए आंदोलन करेंगे उदित राज

दलित नेता एवं उत्तर पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद उदित राज ने निजी क्षेत्र और पदोन्नति में आरक्षण के लिए कानून बनाने की मांग करते हुए अनुसूचित जाति-जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ की ओर से देशव्यापी आंदोलन चलाने और 28 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली करने का ऐलान किया।
वशिष्ठ नारायण सिंह फिर से बिहार के जदयू अध्यक्ष निर्वाचित

वशिष्ठ नारायण सिंह फिर से बिहार के जदयू अध्यक्ष निर्वाचित

जनता दल यूनाइटेड ने बिहार प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को फिर निर्वाचित किया है। राज्यसभा सदस्य सिंह के खिलाफ किसी ने नामांकन नहीं किया था और वे दूसरी बार अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं।
उसेन को बीफ खाने की सलाह दी गई,  उसने नौ स्वर्ण पदक जीते : उदित राज

उसेन को बीफ खाने की सलाह दी गई, उसने नौ स्वर्ण पदक जीते : उदित राज

भाजपा सांसद एवं दलित नेता उदित राज ने एथलीट उसेन बोल्ट के प्रशिक्षक का हवाला देते हुए अपने एक ट्वीट में यह कहकर आज लोगों को चौंका दिया कि गरीबी में जन्म लेने के बावजूद जमैका के एथलीट उसेन बोल्ट ओलंपिक में नौ स्वर्ण पदक जीत पाए क्योंकि उनके प्रशिक्षक ने उन्हें दिन में दो बार बीफ खाने की सलाह दी थी।
यादों के संदूक में शब्द

यादों के संदूक में शब्द

बचपन सभी का सुनहरा होता है। इसी बचपन की यादों का पिटारा जब शब्दों में सहेज लिया जाता है तो किताब बन जाता है। ऐसी ही एक किताब है आर के नारायण की। उनके बचपन के संस्मरणों पर आधारित इस किताब का नाम है, मेरी जीवन गाथा।
ऐतिहासिक भूल था विभाजन, एक दिन बनेगा अखंड भारतः आरएसएस

ऐतिहासिक भूल था विभाजन, एक दिन बनेगा अखंड भारतः आरएसएस

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का मानना है कि वर्ष 1947 में आजादी मिलने के साथ भारत का जो विभाजन हुआ वह एक ऐतिहासिक भूल था। संघ का मानना है कि आने वाले समय में बहुत जल्द ही अखंड भारत बनेगा।
नारायण सामी बोले किरण बेदी से कोई मतभेद नहीं

नारायण सामी बोले किरण बेदी से कोई मतभेद नहीं

पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायण सामी ने कहा कि उनके मंत्रिमंडल और उपराज्यपाल के बीच किसी प्रकार का मतभेद नहीं है। सामी का बयान ऐसे समय आया है जब राज्य में इस बात को लेकर लगातार चर्चा हो रही है कि उपराज्यपाल से मतभेद है।
उदित राज ने भाजपा को किया आगाह, दलितों पर हमले का असर चुनावों पर पड़ेगा

उदित राज ने भाजपा को किया आगाह, दलितों पर हमले का असर चुनावों पर पड़ेगा

दलित समुदाय से आने वाले भाजपा के एक सांसद ने रविवार को पार्टी को आगाह किया कि समुदाय के सदस्यों पर हमले की हालिया घटनाओं का असर 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करेंगे कि देश में कानून का शासन हो।
भाजपा के दलित सांसद पार्टी से इस्तीफा दें: केजरीवाल

भाजपा के दलित सांसद पार्टी से इस्तीफा दें: केजरीवाल

भाजपा के सांसद उदित राज को सलाह देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा है कि उन्हें और अन्य दलित सांसदों को दलित समुदाय पर देशभर में हो रहे अत्याचार के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए। दरअसल उदित राज ने हिंदू धर्म के कथित ठेकेदारों की आलोचना की थी।
नीतीश और राजनाथ अब भी निभाते हैं मेल-जोल की पुरानी परंपरा

नीतीश और राजनाथ अब भी निभाते हैं मेल-जोल की पुरानी परंपरा

केंद्र में सत्ताशीन भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष के नेताओं के बीच तनाव और कड़वाहट की खबरें मीडिया में आए दिन सुर्खियां बनती रहती हैं। लेकिन कभी-कभार ऐसे मौके दिख जाते हैं, जब राजनीतिक नेता निजी संबंधों को अहमियत देने की परंपरा निभाते नजर आते हैं। हाल में दिल्ली में कुछ ऐसे राजनीतिक आयोजन हुए, जिनमें कट्टर विरोधी एक-दूसरे से हंसते-बोलते दिखे। शुरुआत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की, जो दो दिनों के लिए दिल्ली दौरे पर आए और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह एवं केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं से बाहें खोलकर मिले-बतियाए।
जब जार्ज फर्नांडिस बन गए खुशवंत सिंह

जब जार्ज फर्नांडिस बन गए खुशवंत सिंह

आपातकाल के दौरान गिरफ्तारी से बचने के लिए जार्ज फर्नांडिस को पगड़ी पहन और दाढ़ी रख कर सिख का भेष धारण करना पड़ा था जबकि गिरफ्तारी के बाद वह तिहाड़ जेल में कैदियों को गीता के श्लोक सुनाते थे। फर्नांडिस के साथ जेल में रहे 76 साल के विजय नारायण ने पुरानी यादें ताजा करते हुए पीटीआई-भाषा को बताया, पुलिस हमें ढूंढ रही थी। हम न सिर्फ छिप रहे थे, बल्कि अपना काम भी कर रहे थे। गिरफ्तारी से बचने के लिए जार्ज ने पगड़ी और दाढ़ी के साथ एक सिख का भेष धारण किया था। उन्होंने बाल बढ़ा लिए थे। वह मशहूर लेखक के नाम पर खुद को खुशवंत सिंह कहा करते थे।
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