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वरुण गांधी का तंज-  67 साल में 100 उद्योगपतियों के मुकाबले किसानों को मिला सिर्फ 17% पैसा

वरुण गांधी का तंज- 67 साल में 100 उद्योगपतियों के मुकाबले किसानों को मिला सिर्फ 17% पैसा

किसानों की स्थिति को लेकर कांग्रेस लगातार केन्द्र की मोदी सरकार को घेर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल...
केन्द्र पर भड़के अन्ना, कहा- सरकार उद्योगपतियों पर ध्यान दे रही, लेकिन किसानों की कोई परवाह नहीं

केन्द्र पर भड़के अन्ना, कहा- सरकार उद्योगपतियों पर ध्यान दे रही, लेकिन किसानों की कोई परवाह नहीं

केन्द्र की मोदी सराकार पर अन्ना हजारे ने एक बार फिर हमला बोला है। अन्ना ने आरोप लगाया कि सरकार केवल...
कर्नाटक में बोले राहुल, ‘10 उद्योगपतियों का लोन माफ, मोदीजी किसानों की कर्जमाफी कब करोगे?’

कर्नाटक में बोले राहुल, ‘10 उद्योगपतियों का लोन माफ, मोदीजी किसानों की कर्जमाफी कब करोगे?’

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच में जंग छिड़ी हुई है। रविवार को जहां भाजपा...
जरूरी है खेती और उद्योग

जरूरी है खेती और उद्योग

ममता बनर्जी लंबे राजनीतिक अनुभव से बहुत व्यावहारिक होती जा रही है। केजरीवाल की तरह वह सत्ता में रहकर भी हड़ताली आंदोलनकर्ता नहीं रह सकती। इसीलिए बंगाल में सिंगूर के किसानों के लिए संघर्ष की पृष्ठभूमि के बावजूद उन्होंने किसानों को खेती की जमीन लौटाने के साथ टाटा ग्रुप या अन्य उद्योगपतियों को प्रदेश में बड़े उद्योग लगाने के ‌लिए समुचित जमीन और सुविधाएं देने की पहल की है। ममता जबरन जमीन के अधिग्रहण करके उद्योग लगाने की प्रवृत्ति को अनुचित मानती है।
वैश्विक हलचल से चिंतित प्रधानमंत्री उद्योगपतियों से मिले

वैश्विक हलचल से चिंतित प्रधानमंत्री उद्योगपतियों से मिले

वैश्विक नरमी के बीच अर्थव्यवस्‍था कैसे प्रोत्साहित हो इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के जाने-माने उद्योगपतियों, बैकरों, अर्थशास्त्रियों और मंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक का विषय था, हाल का वैश्विक घटनाक्रम-भारत के लिए अवसर। वैश्विक स्तर मंदी को लेकर चल रहे उठा-पटक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चितिंत कर दिया है। इसी चिंता का परिणाम है वह लगातार उद्योग संगठनों और उद्योगपतियों से मिल रहे हैं। इससे पहले 30 जून को भी प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों और उद्योग संगठनों से चर्चा की थी।
फ्रांसीसी उद्योगपतियों ने दिया भारत में स्पष्ट, पारदर्शी नियमों पर जोर

फ्रांसीसी उद्योगपतियों ने दिया भारत में स्पष्ट, पारदर्शी नियमों पर जोर

फ्रांसीसी कारोबारी नेताओं ने मोदी के पूर्व दौर में आई दिक्कतों का जिक्र करते हुए स्पष्ट, पारदर्शी और स्थिर नियमों पर जोर दिया तथा भारत में निवेश में रूचि जताते हुए भारतीय कंपनियों के साथ विशेष क्षेत्रों में पांच कार्यबल गठित करने का निर्णय किया।
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