Advertisement

Search Result : "ऊपरी असम"

गठबंधन के खिलाफ उबले भाजपा-अगप कार्यकर्ता

गठबंधन के खिलाफ उबले भाजपा-अगप कार्यकर्ता

आगामी असम विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर अपनी-अपनी पार्टियों से नाराज भाजपा और असम गण परिषद (एजीपी) के स्थानीय नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के एक बड़े हिस्से ने आज ब्रमपुत्र घाटी में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का पुतला फूंका। साथ ही, उन्होंने आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार उतारने की धमकी दी। विभिन्न जिलों में कार्यालय के फर्नीचर तोड़ कर प्रदर्शनकारियों ने जुलूस निकाला और अपने पार्टी नेताओं के पुतले फूंके।
असम: भाजपा और असम गण परिषद में तालमेल, साथ लड़ेंगे चुनाव

असम: भाजपा और असम गण परिषद में तालमेल, साथ लड़ेंगे चुनाव

असम में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और असम गण परिषद के बीच गठबंधन हो गया। दोनों ही पार्टियां राज्य में साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी। इस बात की जानकारी असम के पूर्व मुख्यमंत्री और असम गण परिषद के नेता प्रफुल्ल कुमार महंत ने भजपा अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात के बाद दी।
अब कर रहे सरकार का गुणगान

अब कर रहे सरकार का गुणगान

राजनीतिक खबरों को लेकर वैसे तो कई वेबसाइट हैं लेकिन एक ऐसी वेबसाइट जो राजनीतिज्ञों को सलाह देने के साथ-साथ कामकाज पर भी टिप्पणी करती है।
बड़े-बड़े उद्योगपति भी रो रहे हैं, बहाने न बनाए पीएम: राहुल गांधी

बड़े-बड़े उद्योगपति भी रो रहे हैं, बहाने न बनाए पीएम: राहुल गांधी

आज कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दूसरे पर तीखे हमले किए। राहुल गांधी ने दावा किया कि देश के किसान, मजदूर और व्‍यापारी के साथ-साथ बड़े-बड़े उद्योपति भी रो रहे हैं। उधर, असम में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने संसद नहीं चलने के लिए गांधी परिवार को जिम्‍मेदार ठहराया।
शाह के सिर चुनौती का ‘ताज’

शाह के सिर चुनौती का ‘ताज’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जब इस साल और अगले साल कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार कर रहा था तब सरकार और संगठन के बीच सामंजस्य बिठाने वाला एक ही नाम सामने आया और वह नाम है अमित शाह का। आउटलुक ने शाह के दूसरी बार अध्यक्ष बनने से ही पहले ही इस बात का खुलासा किया था कि अमित शाह के खिलाफ कोई भी नामांकन नहीं करेगा। मतलब अमित शाह का अध्यक्ष बनना तय था।
सोनोवाल के नेतृत्व में असम में भाजपा को बड़ी जीत की उम्मीद

सोनोवाल के नेतृत्व में असम में भाजपा को बड़ी जीत की उम्मीद

केंद्रीय खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल के नेतृत्व में असम में विधानसभा चुनाव लड़ने के फैसले के बाद भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि राज्य में पार्टी को बड़ी जीत मिल सकती है। गुरुवार को पार्टी की संसदीय दल की बैठक में सोनोवाल के नाम पर सभी नेताओं ने सहमति जताई।
शाह की राह में चुनौतियां ही चुनौतियां

शाह की राह में चुनौतियां ही चुनौतियां

दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने अमित शाह का यह कार्यकाल कड़ी चुनौती वाला माना जा रहा है। क्योंकि कई राज्यों में जहां विधानसभा चुनाव होने हैं वहीं अगले लोकसभा का चुनाव भी शाह की ही अध्यक्षता में लड़ा जाएगा।
मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

पूर्वोत्तर के बारे में मैं कहना चाहूंगा कि असम एक ऐसा राज्य है, जहां अस्थिरता रही है। 70 के दशक में वहां भारी हंगामा रहा और 80 का दशक आते-आते हंगामा बढ़ता रहा। उसके समाधान के लिए, वहां लोकतंत्र लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जो कदम उठाए वह आज तक किसी ने नहीं उठाए। सन 1985 में वहां हंगामा करने वालों की जीत हुई थी, उन्होंने सरकार चलाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने असम को बरबाद करके छोड़ दिया। उनमें हुकूमत बनाए रखने की क्षमता नहीं थी। लेकिन यह लोकतंत्र है, यहां जो जनता चाहेगी उसी की सरकार बनेगी। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर वोट मिलेंगे। आखिरकार जनता ने सही सरकार चुनी।
चर्चाः उच्च सदन, ऊंचे पद, काम अधूरे | आलोक मेहता

चर्चाः उच्च सदन, ऊंचे पद, काम अधूरे | आलोक मेहता

प्रसिद्ध पत्रकार और राज्यसभा के पूर्व सदस्य कुलदीप नायर ने बहुत पहले यह कानूनी लड़ाई लड़ी थी कि संसद के उच्च सदन में मूलतः संबंधित प्रदेश के नेता को ही चुने जाने का प्रावधान हो। श्री नायर यह लड़ाई जीत नहीं सके, लेकिन विभिन्न प्रदेशों के लोग, प्रादेशिक नेता और कार्यकर्ता बाहरी नेताओं को फूलमालाएं पहनाने और जय-जयकार करने के बाद भी मन से दुःखी और दर्द झेलते रहे। इसलिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर नरेंद्र मोदी द्वारा असम की अनदेखी तथा योजनाओं का क्रियान्वयन न करने के आरोप राजनीतिक होने के बावजूद सही हैं।
संघ की सीटी से शुरू कबड्डी

संघ की सीटी से शुरू कबड्डी

महाराष्ट्र के जलगांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष रणनीतिकारों के अलावा संघ से जुड़े आनुषंगिक संगठनों की जब बैठक हो रही थी तो सभी की चिंता भारतीय जनता पार्टी के अंदर उभरे आंतरिक मतभेद को लेकर थी। लेकिन इन चिंताओं से बेखबर संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक ही शब्द‍ सब पर भारी पड़ गया कि अपना काम करो चिंता मत करो।
Advertisement
Advertisement
Advertisement