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Search Result : "ऑन माई टर्म्स: फ्रॉम द ग्रासरूट्स टू द कॉरीडोर्स ऑफ पावर"

अच्छी टीम के बगैर, मोदी क्या कर पाएंगे: शरद पवार

अच्छी टीम के बगैर, मोदी क्या कर पाएंगे: शरद पवार

राजनीतिज्ञ, किसान, क्रिकेट प्रशासक और लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद के दावेदार रहे शरद पवार ने अपनी आत्मकथा, ऑन माई टर्म्स: फ्रॉम द ग्रासरूट्स टू द कॉरीडोर्स ऑफ पावर(प्रकाशक: स्पिकिंग टाइगर) को जारी करते हुए अपना 75वां जन्मदिन मनाया। अपनी बीमारी के बावजूद कभी पूराने कांग्रेसी रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के इस मुखिया की जिंदादिली और फुरतीलापन बरकरार है और वह सन्यास लेने का कोई संकेत नहीं देते हैं। दिल्ली में उन्होंने बुला देवी से बातचीत की।
चीफ जस्टिस कार पूलिंग को तैयार, केजरीवाल बोले- थैंक्‍यू माई लॉर्ड

चीफ जस्टिस कार पूलिंग को तैयार, केजरीवाल बोले- थैंक्‍यू माई लॉर्ड

दिल्‍ली को दमघोंटू प्रदूषण से बचाने के लिए सम, विषम नंबर के आधार पर एक दिन छोड़कर गाड़ियां चलाने की योजना को भारत के चीफ जस्टिस से महत्‍वपूर्ण समर्थन मिला है।
चाइना की सुपर गर्ल सनी लियोन

चाइना की सुपर गर्ल सनी लियोन

सनी लियोन के साथ तो वही बात रहती है कि वह आह भी भर लें तो उनकी चर्चा शुरू हो जाती है। बॉलीवुड में जाना पहचना नाम बन चुकी सनी इस बार चायना की सुपर गर्ल बन गई हैं।
हाईकोर्ट का केजरीवाल को झटका, बिजली कंपनियों को राहत

हाईकोर्ट का केजरीवाल को झटका, बिजली कंपनियों को राहत

दिल्ली हाईकोर्ट ने आज कहकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को बिजली का बड़ा झटका दिया कि सरकार को निजी बिजली कंपनियों की ऑडिट कराने का अधिकार नहीं है। दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली तीन निजी कंपनियों की याचिका पर उच्च न्यायालय ने यह फैसला दिया। हालांकि दिल्ली सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मन बनाया है।
हिंदी साहित्य के इंजीनियर

हिंदी साहित्य के इंजीनियर

गणित के कठिन सवालों के बीच गोदान का होरी भी जिंदगी के जवाब खोजता है। रसायन के सूत्र भले भूल जाएं मगर चंदर का सुधा भूल जाना अखरता है। प्रकाश के परावर्तन का नीरस सिद्धांत सुनील के केस को सुलझाते ही सरस लगने लगता है। ब्लैक बोर्ड पर अल्फा, बीटा, गामा के बीच निर्मला, चोखेरबाली और राग दरबारी भी धमाचौकड़ी मचाते हैं। अमूमन घरों में होशियार बच्चे विज्ञान पढ़ते हैं। विज्ञान में भी लड़के गणित और लड़कियां जीव विज्ञान पढ़ती हैं। जब कोर्स की किताबें ही साल में खत्म करना मुश्किल हो तो कहानी-कविताएं, उपन्यास पढ़ने के लिए किसके पास वक्त है। गणित लेने के बाद अर्जुन की आंख की तरह बस एक ही लक्ष्य है, आईआईटी। विज्ञान पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कम कुछ भी गवारा नहीं है। मोटी-मोटी किताबों, सुबह से शाम तक चलने वाली कोचिंग क्लासों के बीच इंजीनियर बनने का सपना पलता है। ऐसे में साहित्य की कौन सोचे। पढ़ाई के दौरान साहित्य पढऩा समय की बर्बादी है और लिखना... इसके बारे में तो सोचना भी मत।
गवर्नर की वीटो पावर खत्म करने के पक्ष में रघुराम राजन!

गवर्नर की वीटो पावर खत्म करने के पक्ष में रघुराम राजन!

ब्‍याज दरें तय करने के मामले में आरबीआई गवर्नर की वीटो पावर खत्‍म करने के मुद्दे पर आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन भी सरकार के सुर में सुर मिलाते दिख रहे हैं। राजन ने कहा है कि बेहतर होगा यदि एक व्यक्ति के बजाय कोई समिति मुख्‍य ब्‍याज दरों के बारे में फैसला करे। राजन के मुताबिक, इस मामले पर आरबीआई और सरकार के बीच कोई मतभेद नहीं है।
5 जुलाई से बदल जाएगा वनडे क्रिकेट, बैटिंग पावरप्‍ले खत्‍म

5 जुलाई से बदल जाएगा वनडे क्रिकेट, बैटिंग पावरप्‍ले खत्‍म

गेंद और बल्‍ले के बीच संतुलन बनाने के लिए आगामी 5 जुलाई से वनडे क्रिकेट के नियमों में फेरबदल होने जा रहा है। अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट संघ की सालाना बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं, जिससे गेंदबाजों को राहत मिलेगी जबकि बैटिंग पावरप्‍ले खत्‍म हो जाएगा। बारबडोस में एन श्रीनिवासन की अध्यक्षता में हुई बैठक में आईसीसी चीफ ऐग्जिक्युटिव कमिटी की ओर से मंजूर किए गए इन प्रस्तावों को आईसीसी बोर्ड ने भी मंजूर कर लिया है। जानिए, वनडे क्रिकेट कैसे बदलने जा रहा है
कोल घोटाला: आरएसपीएल, तीन अधिकारियों पर आरोप तय

कोल घोटाला: आरएसपीएल, तीन अधिकारियों पर आरोप तय

एक विशेष अदालत ने मंगलवार को कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में दिल्ली स्थित कंपनी राठी स्टील एंड पावर लिमिटेड (आरएसपीएल) एवं इसके तीन शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए।
भारतीय मीडिया और स्त्री सौंदर्य के रूपक-विरूपक

भारतीय मीडिया और स्त्री सौंदर्य के रूपक-विरूपक

बाज़ार को बेचने हैं सौंदर्य को बढ़ाने वाले संसाधन इसलिए ‘च्‍वाइसेस’ या विकल्‍पों की बात हो रही है। लेकिन मुझे परेशानी इस बात से ज्यादा है कि वही स्त्री जब भारत के सड़कों, गलियों, खेतों, खलिहानों, कस्बों में बलत्कृत, क्षत-विक्षत मृत शरीर के रूप मे पाई जाती है। तब ना आपको उस पर बात करने से गुरेज है और ना उसका छायांकन करने में। लेकिन वही स्त्री जीवित अवस्था में अपने उसी शरीर पर हक की बातें करती है तो आपको 'परिवार व्यवस्था' से लेकर 'स्त्री देवी' के भ्रम के टूटने की धमक सुनाई देने लगती है।
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